दिल्ली में फिर जीरो हुई कांग्रेस, अब भूपेंद्र हुड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उठाए सवाल

नई दिल्ली  – कांग्रेस पार्टी दिल्ली के अलावा देशभर की सत्ता में लंबे समय तक काबिज रही है। अब उसकी हालत यह हो गई है कि वह दिल्ली में लगातार दो बार से शून्य सीटों पर बरकरार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी कभी पार्टी की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं तो कभी एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। ताजा मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी को रणनीति बदलने की सलाह दी है। वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी रहे पीसी चाको पर निशाना साधा है। दिल्ली में लगातार दूसरी बार खाता खालने में नाकामयाब रही कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह अब सामने आ रही है। पार्टी की दिल्ली इकाई के बाद अब केंद्रीय नेतृत्व भी निशाने पर आ गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि हमारी पार्टी के लिए यह बेहद निराशाजनक है। कांग्रेस को नई सोच और नई रणनीति पर काम करने की आवश्यकता है। देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा। वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पीसी चाको को आड़े हाथ लिया है।

जयराम रमेश और वीरप्पा मोइली ने की बदलाव की बात
दिल्ली के अलावा यूपी और बिहार में कांग्रेस की स्थिति पर चिंता जताते हुए वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को खुद में बड़ा बदलाव करना होगा, नहीं तो वह अप्रासंगिक हो जाएगी। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी कहा कि पार्टी को जिंदा करने के लिए ‘सर्जिकल ऐक्शन’ की जरूरत है।जयराम रमेश ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘कांग्रेस नेताओं को खुद को फिर से तैयार करना होगा। अगर प्रासंगिक रहना है तो कांग्रेस पार्टी को यह करना ही होगा। वरना हमारा कोई महत्व नहीं बचेगा। हमें अहंकार छोड़ना होगा। छह साल सत्ता से बाहर रहने के बावजूद हम में से कुछ ऐसे हैं, जो मंत्रियों जैसा व्यवहार करते हैं।’