नौणी यूनिवर्सिटी में वेस्टर्न हिमालयन रीजनल सेंटर

नौणी – भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा द्वारा बुधवार को डा. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के हाई एटीट्च्यूड वेस्टर्न हिमालयन रीजनल सेंटर का उद्घाटन किया। इस दौरान सीके मिश्रा ने कहा कि भारत में विविध वनस्पतियां और जीव मौजूद हैं और इस क्षेत्र की और महत्त्वपूर्ण ध्यान देने की जरूरत है। भविष्य की पीढि़यों के लिए वैज्ञानिक डाटा संग्रह और उसे पारित करना महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने रीजनल सेंटर की स्थापना पर जोर दिया और कहा कि विश्वविद्यालय में इस केंद्र की स्थापना से ज्ञान इकट्ठा करने और इसके प्रसार करने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। कुलपति डा. परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय परिसर में केंद्र की स्थापना के लिए पर्यावरण मंत्रालय और बीएसआई को धन्यवाद दिया और कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में यह क्षण एक नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने बागबानी, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों में शीर्ष वैज्ञानिकों, प्रशासकों, प्रबंधकों का तैयार किया है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों के विकास में योगदान दिया है। बीएसआई के निदेशक डा. एए माओ ने केंद्र की स्थापना के समर्थन में विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। दूरदराज के क्षेत्रों में जंगली पौधों की उचित पहचान के महत्त्व पर जे देते हुए हिमाचल प्रदेश की पीसीसीएफ (वन्यजीव) डा. सविता ने कहा कि राज्य की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पौध विविधता से स्थानीय आबादी की आजीविका बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस अवसर पर जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक डा. कैलाश चंद्र ने भी सभा को संबोधित किया। सेंटर के वैज्ञानिक प्रभारी डा. कुमार अंबरीश ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और केंद्र के उद्देश्यों और कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक डा. संदीप चौहान के प्रयासों की भी सराहना की गई। बीएसआई की विवरणिका का भी इस मौके पर विमोचन किया गया।

ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर निदेशक अनुसंधान डा. जेएन शर्मा, निदेशक विस्तार शिक्षा डा. राकेश गुप्ता, डीन डा. कुलवंत राय और डा. एमएल भारद्वाज, डा. पीके खोसला कुलपति शूलिनी विश्वविद्यालय सहित डा. केएस डोगरा व अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।