पांच दशक बाद निकली अनोखी जातर, नेरवा में जयकारों से महारौनक

शिमला के थरोच के आराध्य देवता बौठा महेश्वर महाराज की पांच दिवसीय जातर का विधिवत रूप से समापन हो गया। पांच दिन के लिए मंदिर से निकले देवता फिर से इलाकें का भ्रमण कर अपवने सिंहासन पर विधि विधान से विराजमान हो गए ! इन पांच दिनों में हजारों लोगों ने देवता की जातर में हाजिरी भरी और आशीर्वाद लेकर पुण्य कमाया। मशरांह स्थित देवता की इस जातर का आयोजन पांच दशक बाद किया गया ! इससे पूर्व यह आयोजन 1970 में किया गया था,जबकि पहली जातर 1870 में आयोजित की गई थी ! बता दें कि मशरांह मंदिर में देवता के दो स्वरुप हंै ! इनमें से एक चालदा स्वरुप हर पांच साल बाद लोगों को आशीर्वाद देने के लिए भ्रमण पर निकलता है, जबकि दूसरे बौठा महाराज की जातर का संयोग कई दशकों बाद ही बनता है !