उन्होंने कहा,“आराम के दौरान मैंने अनुभव किया कि इतने साल तक टीम की कप्तानी करना वाकई एक अद्भुत अहसास था। खेल के तीनों प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करना एक विशेष सम्मान की बात है। इस सफर में कभी-कभी अकेले रास्ते भी मिल सकते हैं लेकिन मैं अपने किसी भी अनुभव से निराश नहीं हूं क्योंकि इसने मुझे वह व्यक्ति बना दिया है जिस पर मुझे आज गर्व है।”
35 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, “जब मैंने नेतृत्व संभाला तो मैंने नेतृत्व के साथ साथ प्रदर्शन करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से टीम की सेवा करने को घ्यान में रखते हुए काम शुरू किया। खेल के सभी प्ररूपों में कप्तानी करने का फैसला मेरे लिए बेहद कठिन था।”
पूर्व कप्तान ने कहा, “मैं क्विंटन, मार्क बाउचर और अपने सभी साथियों से वादा करता हूं कि हम एक नई और युवा टीम तैयार करेंगे।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह खेल के तीनों फॉर्मेट में उपलब्ध रहेंगे और नए कप्तान क्विंटन का कप्तानी में पूरा समर्थन करेंगे। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका का 2019 विश्व कप में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था जिसके बाद से लगातार डू प्लेसिस की कप्तानी पर सवाल उठ रहे थे। डू प्लेसिस ने टेस्ट, वन-डे और टी-20 मिलाकर 112 इंटरनेशनल मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी की जिसमें से उन्होंने 69 मैचों में अपनी टीम को जीत दिलाई थी।