बिहाली में एनएचपीसी की बैठक का बहिष्कार

सैंज – एनएचपीसी के विरुद्ध पार्वती परियोजना में रोजगार की मांग कर रहे लारजी पंचायत के ग्रामीणों ने शनिवार देर रात्रि बिहाली ने बुलाई बैठक में बहिष्कार किया है। पंचायत प्रधान ने बैठक में दो टूक शब्दों में कहा है कि ग्रामीणों को दिए जा रहे प्रलोभन उन्हें कतई मंजूर नहीं हैं, उनकी एक सूत्री मांग पंचायत के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने की है न कि सौदेबाजी। हालांकि बैठक में एनएचपीसी प्रबंधन में बंजार के विधायक के समक्ष ग्रामीणों के बीच आठ माह पूर्व बैठक का हवाला देते हुए फिर प्रलोभन देकर अनशन तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन ग्राम पंचायत ब ग्रामीणों ने सौदेबाजी को नकार कर 20 मिनट में ही बैठक का बहिष्कार किया है, जिससे भाजपा नेतृत्व स्थानीय विधायक व एनएचपीसी प्रबंधन के मंसूवे धरे के धरे रह गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उनकी मुख्य मांग रोजगार की है, लेकिन विधायक के सामने एनएचपीसी प्रबंधन उन्हें लॉलीपॉप दे रही है कि सैंज घाटी के लोगों की पार्वती प्रोजेक्ट में किराए पर गाडि़यां  लगाई जाएंगी व ठेके दिलाए जाएंगे। ग्राम पंचायत लारजी की प्रधान कांता देवी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वे सवार्थी गठबंधन के विरुद्ध हैं और हमारी मांग सिर्फ  व सिर्फ रोजगार की है। शनिवार देर रात्रि हुई इस बैठक में लारजी पंचायत का प्रतिनिधिमंडल स्थानीय विधायक व एनएचपीसी प्रबंधन तालमेल बिठाने में नाकाम रहा है, जिस कारण ग्रामीणों ने मीटिंग का ही बहिष्कार किया और अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया। पंचायत प्रधान कांता देवी ने कहा कि एनएचपीसी ग्रामीणों के बीच फूट डालना चाहती है और ग्रामीणों को कई प्रलोभन दिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें प्रलोभन मंजूर नहीं हैं। विस्थापित नेता झावे राम ठाकुर ने कहा कि नयाय के घर में  देर है, लेकिन अंधेर नहीं ग्रामीण अपनी मांग पर अडिग है और अपने अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे उन्होंने कहा कि हम हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और ग्रामीणों की मांग जायज है, लेकिन बिहाली में हमारी आवाज अपने ही लोग दबाने के चक्कर में घूम रहे हैं, जबकि नयाय की ओर किसी का ध्यान नहीं है।  पार्वती में हमारी उम्मीदों की किरण अभी भी जिंदा है और आंदोलन के दसवें दिन भी ग्रामीण डटे हुए हैं। उधर, शनिवार को दसवें दिन हेमराज शर्मा, कमलजीत, अनिल कुमार, वार्ड मेंबर अपनी मांग को लेकर  क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। बहरहाल  ग्राम पंचायत लारजी ने  स्थानीय विधायक द्वारा बुलाई बैठक का ही बहिष्कार किया है और अपने आंदोलन को जारी रखने का फैसला लिया है।