महिलाओं से जुड़े मामलों को मानवीय पहलू से देखना जरूरी

शिमलामहिला सुरक्षा विषय पर अभियोजन निदेशालय शिमला द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हो गई। कार्यशाला का समापन निदेशक अभियोजन एनएल सेन ने किया। कार्यशाला में प्रदेश भर के जिला न्यायवादी, उप जिला न्यायवादी और सहायक जिला न्यायवादियों ने हिस्सा लिया। इन्हें विभिन्न रिसोर्सपर्सन द्वारा महिला अपराध सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों जैसे, घरेलू हिंसा, शारीरिक शोषण, पीडि़ता को मुआवजा, गवाहों की सुरक्षा, साईबर क्राइम, महिला तस्करी, ऑन.लाईन क्राइम, डिजिटल सबूत एकत्र करना, फॉरेंसिक साईंस का प्रयोग करना और डीएनए सहित अन्य विभिन्न मामलों की जानकारी दी गई।  राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारी गौरव ने प्रतिभागियों को पीडि़त मुआवजा गवाह सुरक्षा संबंधी योजनाओं की जानकारी दी। कार्यशाला का लाभ न्यायालयों में महिला अपराध सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों को सुलझाने में मिलेगा। राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला जुन्गा के निदेशक डा. अरूण शर्मा ने कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले प्रदेशभर के सभी प्रतिभागियों को फॉरेंसिक सिस्टम से अवगत करवाया।