नई दिल्ली – शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत करने के लिए नियुक्त मध्यस्थों ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को दी गई रिपोर्ट की कॉपी न तो याचिकाकर्ता को दी गई और न ही केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने वाले वकीलों को। जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ ने रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद 26 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई करने की बात कही। शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन का सोमवार को 72वां दिन था। प्रदर्शन के चलते बंद सड़कों को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल याचिका दायर हुई थी।