सुबाथू में देश सेवा को निकले 125 जवान,भारत माता की रक्षा के लिए खाई गीता की कसम

देवभूमि सलाम करती है उन माता पिता को, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने जिगर के टुकड़ों को सेना में भेज दिया । उन वीर जवानों को भी सलाम जिनके रातभर जागने के कारण ही हम भारतीय चैन की नींद सोते हैं। सुबाथू के सेना मैदान में शनिवार को 141 कोर्स के जवान देश की सीमाओं पर तैनात होने की शपथ ले रहे थे। तो वहीं इस नजारे को देखने वाला हर शख्स अपने स्थान पर खड़ा होकर देश के जांबाजों को सलाम करता रहा। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र में 141 कोर्स के 125 जवानों ने 42 सप्ताह की कड़ी ट्रेनिंग के बाद सेंटर की परंपरा के अनुसार बुलंद आवाज के साथ गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण की । शपथ समारोह के दौरान शनिवार को पूरा स्टेडियम देशभक्ति के रंग में रंगा हा। स्टेडियम के मुख्यद्धार से सेना के धर्म गुरू के साथ पाइप बैंड की राष्ट्रीय गीत की मधुर धुन पर सेना की एक टुकड़ी हाथों में तिरंगा लेकर निकली। इसके बाद पूरे स्टेडियम में तालियों की गडग़ड़ाहट हुई। नजारा कुछ ऐसा बना कि स्टेडियम में बैठे सेना के अधिकारियों सहित नेपाल से आए जवानों के अभिभावक व हर भारतीय अपने स्थान पर खड़ा होकर लहराते हुए तिरंगे को सलामी देने लगा। सेना की टुकड़ी के साथ धर्म गुरू ने हर जवान को वतन की रक्षा के लिए गीता की शपथ ग्रहण करवाई । शपथ ग्रहण के दौरान ही 141 कोर्स के 125 जवानों ने सेंटर के कमांडेंड ब्रिगेडियर एचएस. संधू को मार्चपास्ट करते हुए सलामी दी। जिसके बाद ब्रिगेडियर संधू ने बिमल को गोरखाली फौज का जातीय हथियार चांदी की खुखरी देकर बेस्ट कैडेट से सम्मानित किया।