हरियाणा में होगी मिट्टी गुणवत्ता की जांच

कृषि विभाग ने प्रदेशभर में 82.74 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड बनाए, 770 गांव शामिल

पंचकूला – हरियाणा की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच के लिए अब हरियाणा सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। हरियाणा की मिट्टी फसलों के लिए कितनी कारगर है। मिट्टी का भविष्य क्या है। किस तरह के तत्वों की मिट्टी में कमियां हो रही हैं। अब मिट्टी में किस तरह की फसल उगाई जाए। ऐसे सवालों का जवाब कृषि विभाग अब खुद तैयार करेगा। इसके लिए कृषि विभाग ने प्रदेशभर में करीब 82.74 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड बनाए हैं। जमीन में काफी कमियां नजर आई हैं। अब एक पॉयलेट प्रोजेक्ट शुरू होगा। आरंभ में 154 ब्लॉक के 770 गांवों को इसमें शामिल किया जाएगा। हर गांव के हर किसान के खेत की मिट्टी का अलग से कार्ड तैयार होगा। किस खेत में किस तरह के तत्वों की कमी है। यहां कौन सी फसल उगाई जा सकती है। यह चार्ट तैयार कर किसानों इसकी जानकारी दी जाएगी। यही नहीं उसी खेत में डैमों के तौर पर कृषि विभाग ही फसल पैदा कराएगा, ताकि दूसरे गांवों के किसान भी जैसी जमीन वैसी फसलों की बुवाई कर सकें। कृषि विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डा. अनिल राणा ने बताया कि हरियाणा में नाइट्रोजन 91 फीसदी, फास्फोरस 80 पोटाश 10 फीसदी, जिंक 19 फीसदी आयरन की 32 फीसदी कमी है, जबकि मैगनीज आठ फीसदी कम हो गया है। अब हर ब्लॉक के पांच गांवों के हर किसान के खेत की मिट्टी की जांच होगी। खेत में ही जाकर किसान को बताया जाएगा कि वे कौन सी फसल उगाएं। हमारी मिट्टी नदियों द्वारा बनाई गई है। सतलुज, घग्गर या यमुना के रास्ते चट्टान कटकर रॉ मैटीरियल आया है। हमारी जमीन में आर्गेनिक कम है। यमुनानगर व अंबाला व मोरनी हिल्स की जमीन को छोड़कर काफी जमीन लो है। आर्गेनिक मैटर बढ़ाने के लिए हमे गोबर की खाद डालनी होगी। अब पशु भी कम हो गए हैं। साल में हम तीन-तीन फसल लेने लगे हैं। खेत खाली नहीं छोड़ रहेए ग्रीन मेनोरिंग नहीं कर रहेए पहले ढैंचा आदि बो लेते थे। मटरए दालए चना आदि बहुत कम हो गया है। आज हम आंख बंद कर यूरिया के रुप में डायरेक्ट इंजेक्शन फसल को दे रहे हैं। इससे वेजेटेटिव ग्रोथ बढ़ती हैए इससे पैदावार नहीं बढ़ती।