50 करोड़ से निखरेगी तकनीकी शिक्षा

प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों को वर्ल्ड बैंक से मिली मदद

सुंदरनगर – टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत हिमाचल प्रदेश को 50 करोड़ वर्ल्ड बैंक की ओर से प्राप्त हुए हैं। इससे हिमाचल प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों की तकनीकी शिक्षा में निखार आएगा। फैकल्टी से लेकर बच्चों को नए-नए अविष्कारों और नई तकनीकी पहलुओं के बारे में ट्रेंड किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक इंजीनियरिंग कालेज को 10-10 करोड़ और हिमाचल प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी को 20 करोड़ प्राप्त हुए हैं। यूनिवर्सिटी के अधीन निजी इंजीनियरिंग कालेज भी शामिल हैं, जिनको आगे फंड विवि अपने स्तर पर देगा। इसके तहत मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार ने पहाड़ी राज्यों सहित अन्य आठ राज्यों में इस प्रोग्राम को लांच किया गया है, जिसकी निगरानी के लिए हिमाचल प्रदेश में स्टेट प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट का हैडक्वार्टर जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सुंदरनगर में है। उक्त पैसा तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में खर्च होगा। इस दिशा में यह कार्य वर्ष 2017 से शुरू हुआ और वर्तमान में इस प्रोग्राम का यह तीसरा चरण है। राज्य की यह यूनिट प्रत्येक इंजीनियरिंग कालेज में फैकल्टी से लेकर बच्चों को तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य विभिन्न तरह के कार्यक्रम करवा कर उनका सर्वांगीण विकास करवा रहे हैं। वर्ल्ड बैंक की ओर से वित्त पोषित यह पैसा कालेजों के आधारभूत ढांचे पर ही खर्च न होकर फैकल्टी से लेकर बच्चों को तकनीकी शिक्षा की नई-नई तब्दीलियों के बारे में भी ट्रेंड किया जा रहा है। इस यूनिट के स्टेट प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. दिनकर बुराथोकी ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के माध्यम से तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में काफी निखार आया है और फैकल्टी के साथ-साथ बच्चे भी शिक्षित हुए हैं, जिसका फायदा उन्हें आने वाले भविष्य में प्राप्त होगा।