एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो सप्ताह टली

 

 उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व /एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू/ (ए जी आर) मामले में टेलीकॉम कंपनियों को लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये के भुगतान के लिए समय देने की सरकार की मांग पर बुधवार को कोई आदेश देने से इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कंपनियों को ढील दिए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें ब्याज समेत पैसा देना होगा।न्यायालय ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी। लेकिन सरकार को टेलीकॉम कंपनियों से वसूली के लिए नया प्लान देने को कहा, सरकार 20 साल में वसूली करने की मोहलत की मांग कर रही थी।न्यायालय ने दूरसंचार विभाग को फटकार लगाते हुए कहा कि किसने बकाया राशि के लिए पुनर्मूल्यांकन को कहा। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “ बकाया राशि के भुगतान के पुनर्मूल्यांकन की हमने इजाजत नहीं दी तो ये कैसे हुआ। क्या हम मूर्ख हैं। ये न्यायालय की अवमानना का मामला बनता है।”न्यायालय ने कहा कि जो हो रहा है वह बेहद चौंकाने वाला है। न्यायालय ने कहा कि यह कोर्ट के सम्मान की बात है, क्या टेलीकॉम कंपनियाें को लगता है कि वह संसार में सबसे शक्तिशाली हैं। कोर्ट को तरह-तरह से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।