कर्फ्यू का उचित मतलब समझें

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टिहरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक उपाय यह दिया कि 22 मार्च 2020 को देश में जनता कर्फ्यू होना चाहिए, कुछ लोगों ने इसका उचित अर्थ समझते हुए रोजमर्रा के प्रयोग में आने वाली चीजों की जमाखोरी करना शुरू कर दी, जबकि जनता कर्फ्यू का मतलब है कि ये कर्फ्यू जनता का खुद पर लगाया गया एक प्रतिबंध है। इसके लिए पुलिस या सुरक्षाबलों की तरफ  से कोई भी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। लोग खुद ही अपने काम टाल सकते हैं और घर से बाहर निकलने से बचें, जबकि जो लोग आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं वे घर से काम के लिए निकल सकते हैं। कोरोना ने सारी दुनिया को आर्थिक मंदी की आग में भी झोंक दिया। हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है। यहां केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कुछेक व्यापारिक संस्थान भी बंद करने के आदेश दिए हैं और कुछ जगह सब्जी मंडियों के खोलने-बंद करने के लिए नए नियम अमल में लाए हैं। सरकार को कोरोना से निपटने के साथ इस ओर भी ध्यान देना चाहिए कि लोगों को रोजमर्रा चीजों को प्राप्त करने के लिए कोई परेशानी न उठानी पड़ी और न ही खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने पाएं।