कोरोना रिलीफ  फंड को ‘हसला’देगी 33 करोड़

हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ने सीएम को सौंपा पत्र; बोली, प्रत्येक प्राध्यापक देगा 5000 का अनुदान

पंचकूला – हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) भी कोरोना पीडितों ंके हाथ थामने को सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़ी हो गई है। एसोसिएशन ने 33 करोड़ छह लाख 65 हजार कोरोना रिलीफ  फंड में देने को हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन  ने मुख्यमंत्री को दिया पत्र। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल व महासचिव डा. कृष्ण कुमार ने सभी साथी प्राध्यापकों को कहा कि जैसा कि आपको मालूम है कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में जबरदस्त कोहराम मचा दिया है तथा संपूर्ण मानवता भारी दहशत में है। पिछले कुछ दिनों से भारत भी इसकी चपेट में आ गया है। इस महामारी की भयावहता देखते हुए सरकार को जनता कर्फ्यू तथा लॉकडाउन तक की घोषणा करनी पड़ी। शासन-प्रशासन की ओर से हर रोज सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देश दिए जा रहे हैं। ऐसा संकट का दौर हमारी पीढ़ी ने कभी नहीं देखा। राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार ने इस महान विपदा के दौरान जनता को राहत देने के लिए काफी घोषणाएं की हैं। फिर भी हम टीवी चैनलों एवं अखबार के माध्यम से देख रहे हैं व महसूस कर रहे हैं कि गरीब जनता का जीवन जीना बहुत दुरह हो गया है। ऐसी वैश्विक एवं राष्ट्रीय त्रासदी के चलते हसला शीर्ष नेतृत्व ने पूरी राज्य कार्यकारिणी एवं समस्त जिला प्रधानों से संवाद किया कि संगठन को इस समय क्या करना चाहिए। सभी ने एकमत से राय दी कि प्रत्येक प्राध्यापक को इस संकट की घड़ी में 5000 हरियाणा कोरोना रिलीफ  फंड में देने चाहिए। अतः साथियों,  हसला राज्य कार्यकारिणी एवं समस्त जिला प्रधानों ने सर्वसम्मति से फैसला लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है कि प्रत्येक प्राध्यापक 5000 हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में अनुदान देगा। संगठन ने सरकार को यह भी लिखित आश्वासन दिया है कि हसला संगठन हर तरह के सहयोग एवं संपर्ण के लिए तैयार है। दलाल ने कहा कि जब भी राष्ट्र पर कोई विपत्ति आई है, चाहे वह गुजरात भूकंप हो, बाढ़ हो, सुनामी हो, कारगिल हो आपके संगठन ने बढ़-चढ़कर लोगों की मदद की है तथा राष्ट्र सेवा में महती भूमिका अदा की है। इस बार भी अपना सामाजिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य समझते हुए संगठन ने प्रत्येक साथी से 5000 हरियाणा कोरोना रिलीफ  फंड में देने का आह्वान किया है। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इस विषय बारे मीटिंग लेना असंभव था।