क्रशर मालिकों ने वापस ली हड़ताल

मंडी-हिमाचल प्रदेश क्रशर ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार की ओर से मिले आश्वासन के बाद अपना आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है। एसोसिएशन ने कई दिन से चल रही हड़ताल समाप्त कर दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राणा ने कहा कि 25 फरवरी को प्रदेश सरकार के सचिव उद्योग की ओर से आदेश पारित किए गए थे, जिसमें क्रशर मालिकों पर यह शर्त थोंप दी गई थी कि उन्हें एक माइनिंग साइट से किलोमीटर दूर डंपिंग साइट बनानी होगी। डंपिंग साइट से मटीरियल फिर क्रशर साइट पर पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही अवैज्ञानिक खनन पर सीधे एफआईआर करने के आदेश दे दिए गए थे, जो बिलकुल भी व्यवहारिक नहीं थे। उन्होंने कहा कि माइनिंग साइट से डंपिंग साइट फिर क्रशर साइट तक रॉ मटीरियल पहुंचाना क्रशर मालिकों के लिए जोखिम भरा काम था। इसके साथ ही दोहरी ढुलवाई भी देनी पड़नी थी। इसके अलावा खनन के दौरान होने वाली अनियमितताओं को लेकर सीधे एफआईआर का प्रावधान करना भी पूरी तरह गलत निर्णय था, जबकि इससे पूर्व इसमें सुनवाई के बाद जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सचिव के इस आदेश की वजह से क्रशर मालिकों के समक्ष कई कठिनाइयां आने की वजह से प्रदेश भर के करीब तीन सौ क्रशर मालिक हड़ताल पर चले गए थे, जिससे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे थे। उन्होंने बताया कि क्रशर मालिक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री से इस बारे में वार्ता की गई, जिसमें क्रशर मालिकों को आ रही कठिनाइयों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया। मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री ने क्रशर मालिकों की दलीलों को जायज ठहराते हुए चार मार्च को इस कार्यालय आदेश को संशोधित करवाकर पुरानी स्थिति बहाल कर दी है। इस अवसर पर योगेश सूद, नवदेश पासी, महासचिव गोपाल शर्मा, ओपी मेहरा और मंडी जिला अध्यक्ष गंगवीर चौधरी समेत मंडी और कुल्लू जिला के अनेक क्रशर मालिक मौजूद रहे।

और भी कई समस्याएं होंगी दूर

एसोसिएशन को प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब से लगने वाली सीमाओं में खनन सामग्री लाने व ले जाने में आने वाली समस्याओं, रिवर बैड के किनारे साइंटिफिक एवं मेकेनिकल माइनिंग की समस्या के निदान बारे भी सरकार की ओर से समाधान का आश्वासन मिला है। क्रशर वेलफेयर काउंसिल इसके लिए प्रदेश सरकार व विशेषकर मुख्यमंत्री की आभारी है।