नया पे-स्केल इस साल…अभी सस्पेंस

पंजाब का इंतज़ार, प्रदेश सरकार को करना होगा एक हजार करोड़ का इंतजाम

शिमला-नए संशोधित वेतनमान को लेकर सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता बजट में दोहराई है, लेकिन इस साल कर्मचारियों को यह वेतनमान मिल पाएगा, इसे लेकर अभी भी संशय कायम है। पंजाब राज्य ने वेतन आयोग की रिपोर्ट को छह महीने का समय मांगा है, लेकिन अभी भी तय नहीं है कि रिपोर्ट आने के बाद पंजाब सरकार इसे घोषित कर देगी या नहीं। यह पंजाब सरकार पर निर्भर करता है, जिसकी खुद की माली हालत कमजोर है। जहां पंजाब अपनी खस्ता वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर नए वेतनमान देने में देरी कर रहा है, वहीं हिमाचल की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। यही वजह है कि बजट में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केवल प्रतिबद्धता जताई है। इसमें भी साफ नहीं किया गया है कि इसी साल कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ मिल जाएगा या नहीं। बता दें कि बजट आने के बाद कर्मचारियों में खासी चर्चा हो रही है। कर्मचारी यही बात कर रहे हैं कि पंजाब की रिपोर्ट आती है और वहां की सरकार वेतनमान फिर भी नहीं देती, तो हिमाचल सरकार क्या करेगी, इसका कोई पता नहीं। क्योंकि हिमाचल पूरी तरह नए वेतनमान के लिए पंजाब पर निर्भर करता है। पंजाब और हिमाचल के कर्मचारियों को लगभग दो साल पहले यह वेतनमान मिल जाना चाहिए था, मगर वहां की रिपोर्ट अब तक नहीं आ रही। इस कारण यहां के कर्मचारी केंद्र सरकार का वेतनमान लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इससे पीछे हट रही है। यहां संशोधित वेतनमान देना पड़ता है, तो सरकार को एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इंतजाम करना पड़ेगा। अभी यह तय नहीं है। यह इंतजाम 1500 करोड़ से ऊपर भी जा सकता है, क्योंकि संशोधित वेतनमान में पंजाब यदि ज्यादा बढ़ोतरी कर देता है, तो हिमाचल को भी उतना ही देना होगा।

…तो और कर्जा लेगी सरकार

प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं और कर्जा लेकर काम चल रहा है। नया वेतनमान देने के लिए भी सरकार को भारी भरकम कर्ज उठाना पड़ेगा। वैसे 15वें वित्तायोग ने हिमाचल सरकार की इसमें थोड़ी मदद जरूर की है, जिसमें अलग से इसके लिए पैसा प्रदेश को दिया है। उससे सरकार एक साल में वेतन व पेंशन भत्ते दे सकती है, लेकिन संशोधित वेतनमान के लिए उसे फिर कर्जा उठाना ही पड़ेगा।