बिजली की दरों पर जल्द होगा फैसला

छह अप्रैल को जनसुनवाई करेगा विद्युत नियामक आयोग, उद्योगों को राहत देने का दबाव

शिमला – हिमाचल प्रदेश का विद्युत नियामक आयोग प्रदेश का नया विद्युत टैरिफ देने के लिए छह अप्रैल को जन सुनवाई कर सकता है। यह तारीख तय की गई है। हालांकि अभी कोरोना का कहर लगातार जारी है, जिसके चलते यह तारीख प्रस्तावित है। हालांकि आयोग ने टैरिफ देना है और पहली अप्रैल से वह लागू होना है, इसलिए आयोग भी जल्द इसे निपटाना चाहता है। वैसे कोरोना के चलते यह जन सुनवाई टल भी सकती है। हिमाचल में घरेलू उपभोक्ताआें की बिजली दरें तो इस बार कुछ बढ़ेंगी, परंतु उद्योगों को राहत देने का दवाब सरकार पर है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने आयोग से इस संबंध में उचित निर्णय लेने को कहा है, ताकि यहां पर उद्योगों को राहत मिले और निवेश बढ़ने में मदद मिल सके। इस बारे में उद्योग क्षेत्र के लोगों ने भी सीएम से बात की है, वहीं आगे जनसुनवाई में भी उद्योग जगत के लोग अपना पक्ष रखेंगे। यह जन सुनवाई काफी अहम है, जिसके बाद क्लीयर हो जाएगा कि किस क्षेत्र को आयोग इस बार राहत देने की तैयारी में है। उद्योगपतियों का मानना है कि पड़ोसी राज्य पंजाब में उद्योगों को राहत देने के लिए वहां की सरकारें सबसिडी दे रही हैं। कई वर्गों को राहत के लिए कुल 1600 करोड़ रुपए की सबसिडी वहां पर दी गई है। हिमाचल में केवल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 480 करोड़ रुपए की सबसिडी है। ऐसे में यहां पर उद्योग क्षेत्र को भी सरकार सबसिडी दे, तो बिजली की दरों में और छूट मिल सकती है। हाल ही में उद्योग क्षेत्र के लोग सीएम से मिले थे, जिन्होंने इस बात को सामने लाया था। पंजाब में उद्योगों के लिए पांच रुपए तक प्रति यूनिट की दर लागू है, जबकि हिमाचल में छह रुपए से ऊपर प्रतियूनिट की दर है, जिसमें इतनी ज्यादा कमी विद्युत नियामक आयोग भी नहीं कर सकता, मगर सरकार इसमें विशेष सबसिडी दे तो कुछ बात बन सकती है। हिमाचल में निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे। राज्य सरकार ने इनवेस्टर मीट करके यहां पर करोड़ों रुपए के करार किए हैं। इन्हीं कोशिशों के बीच यहां पर उद्योगों के लिए बिजली की दरों को भी कम किया जाना है। अब छह अप्रैल को जनसुनवाई होगी या नहीं, यह समय ही बताएगा।

सभी पक्षों की सुनेगी

विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एसकेबीएस नेगी का कहना है कि पड़ोसी राज्यों की तरह यहां पर उद्योगों को बिजली की दरें कम करने का दवाब है। बिजली बोर्ड ने टैरिफ में बढ़ोतरी मांगी है। सभी पक्षों का सुनने के बाद जल्द फैसला लिया जाएगा।