बिजली बोर्ड के चार प्रोजेक्ट्स को फंडिग

शिमला – जून महीने तक बिजली बोर्ड के चार प्रोजेक्टों की फॉरेन फंडिंग का मामला क्लीयर हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार फंडिंग एजेंसी द्वारा मत्स्य मामलों को लेकर लगाए गए कंसल्टेंट ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसके बाद अब ज्यादा औपचारिकताएं नहीं रही हैं। उम्मीद है कि जून महीने तक जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू से बिजली बोर्ड के साथ फंडिंग पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। जिन चार परियोजनाओं का मामला पिछले करीब चार साल से अटका हुआ है। उनमें साईकोटी-एक, साईकोटी-दो, हेल व देवीकोटी शामिल हैं। इनके लिए जर्मन बैंक से बिजली बोर्ड 600 से 700 करोड़ रुपए की राशि चाहता है। इन परियोजनाओं को पैसा मिलता है, तो बिजली बोर्ड व सरकार के लिए बड़ी राहत होगी, क्योंकि काफी समय से सरकारी क्षेत्र में न तो कोई नया प्रोजेक्ट आया है और न ही पुराने प्रोजेक्ट्स शुरू हो पाए हैं।  अभी बिजली बोर्ड का ऊहल प्रोजेक्ट भी उत्पादन में आना है, जिससे कमाई में भी अभी समय लगेगा। ऐसे में जब हाइड्रो सेक्टर में कोई निवेश नहीं हो रहा है, तो सरकारी क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स के आने से भी राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि कंसल्टेंसी का काम,  जो इन प्रोजेक्टों के लिए किया जाना था, वह पूरा हो चुका है। इनकी विस्तृत  परियोजना रिपोर्ट यानी डीपीआर केएफडब्ल्यू को पहले ही जमा करवाई जा चुकी है।  मत्स्य कंसल्टेंट ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है, वहीं बोर्ड ने भी उनसे पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए हैं। अब ज्यादा औपचारिकताएं नहीं बची हैं। इसलिए जून महीने तक समझौता होने की उम्मीद जगी है। बताया जा रहा है कि जर्मन बैंक से तीन और परियोजनाओं पर भी बात की जा रही है, क्योंकि भारत सरकार से हाइड्रो क्षेत्र में जर्मन बैंक ने निवेश को लेकर कुछ और समझौते करने का वादा कर रखा है, जिसे दिसंबर महीने तक करना है। इसलिए यहां बिजली बोर्ड से तीन अन्य परियोजनाओं पर भी बात की जा रही है। बिजली बोर्ड के निदेशक परियोजना सुशील शर्मा का कहना है कि जून महीने के जर्मन बैंक से समझौता होने की उम्मीद है। अब इस संबंध में सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।