महामारी के खिलाफ सख्त कदम

 -रूप सिंह नेगी, सोलन

एक कहावत है कि ‘स्टिच इन टाइम सेव्ज नाइन’ अर्थात समय रहते कदम उठाया गया होता तो संभवतः दिल्ली के दंगे नहीं होते और इसी तरह यदि कोरोना की रोकथाम के लिए पहले से ही तैयारी की होती तो शायद ‘जनता कर्फ्यू’ की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन फिर भी यह माना जा सकता है कि ‘बेटर लेट दैन नेवर’। जनता को सरकार पर आश्रित होने के बजाय अपने आप पर भरोसा रखने की जरूरत होगी। हमें सभी प्रकार की एहतियात बरत कर कोरोना जैसी महामारी से डट कर मुकाबला ही नहीं, बल्कि हराने का संकल्प लेना चाहिए।