महिला कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी जल्द

पंचकूला – हरियाणा महिला कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी जल्दी होने की उम्मीद है। इस कुर्सी के लिए सबसे मजबूत दावेदार वरिष्ठ नेत्री रंजीता मेहता से एक मुलाकात की इसमें महिला कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति पर बात करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक एवं राजस्थान महिला कांग्रेस प्रभारी रंजीता मेहता ने कहा कि स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है और हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति अब जल्दी ही हो जाएगी। पूछे जाने पर क्या वह स्वयं भी महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए रेस में हैं, तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि वह हमेशा पार्टी द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियां निभाती रही हैं। पार्टी के फैसलों को सर झुका कर मानती रही हैं और आगे भी ऐसा ही करेंगी। उन्होंने कहा कि सुमित्रा चौहान महिला कांग्रेस को बुलंदियों तक ले गई थीं, उनके जाने के बाद कहीं न कहीं असुरक्षा की भावना महिला कार्यकर्ताओं में पनपने लगी उसी वजह से जल्दी से जल्दी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति आवश्यक हो गई थी। बातचीत के दौरान ने कहा पार्टी का फैसला उनके लिए सर्वोपरि है। हालांकि विधानसभा के दौरान उन्होंने पूरी तैयारी कर रखी थी और उनका टिकट लगभग तय था, परंतु पार्टी ने चंद्रमोहन को पंचकूला से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने यह फैसला भी सिर झुका कर स्वीकार किया। पंचकूला में अब मेयर के चुनाव होने वाले हैं, अगर पार्टी उन्हें उम्मीदवर बनाएगी तो वह चुनाव ज़रूर लड़ेंगी, क्योंकि वह पहले भी विधानसभा की तैयारी कर चुकी हैं, इसलिए मेयर का चुनाव लड़ना उनके लिए आसान रहेगा। दीपेंद्र हुड्डा के राज्यसभा सांसद बनने पर हर्ष प्रकट करते हुए रंजीता ने कहा कि अपनी योग्यता के बल पर पांचवीं बार सांसद बने हैं और पार्टी के सभी नेता और सदस्य उनके साथ हैं।  शैलजा और भूपेंद्र सिंह  की बहन भाई की जोड़ी ने हरियाणा कांग्रेस को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते शैलजा आशीर्वाद दीपिंद्र हुड्डा के साथ है।  रंजीता मेहता ने चिंता जताते हुए कहा कि शिक्षा सदन के पास पीजीटी संस्कृत के अभ्यार्थी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर अमरण अनशन पर बैठे हैं, परंतु हरियाणा सरकार उनकी अनदेखी कर रही है।  वायरस को देखते हुए लगभग सभी संस्थान बंद कर दिए गए हैं दूसरी ओर अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों की सुध लेने के लिए सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा जो कि बहुत शर्मनाक बात है। सरकार को दोगला बताते हुए रंजीता ने कहा के एक और मुख्यमंत्री ने सभी समारोह रद्द करने के लिए कहा, वे स्वयं 13, 14 और 15 मार्च को विभिन्न कार्यक्रमों में मौजूद थे।