मेलों की स्टार नाइट्स कैंसिल तो भाजपा की बैठकें क्यों नहीं

पांवटा साहिब-प्रदेश सरकार के आम जनता और अपने संगठन के लिए दो-दो तरह के नियम हैं। सारे प्रदेश में बड़ी भीड़ के इकट्ठा होने पर पाबंदी के निर्देश हैं ओर बुकिंग रद्द की जा रही है, परंतु भाजपा कार्यसमिति की यहां होने वाली बैठक के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं। जितने भी सरकारी ऑडिटोरियम हैं, उनकी पूर्व में हुई बुकिंग रद्द की जा रही है। मेलों की संध्याएं न करने के लिए कहा जा रहा है, परंतु अपनी कार्यकारिणी पर कोई रोक फिलहाल नहीं है। भाजपा प्रदेश कार्य समिति की बैठक इस बार 15-16 मार्च को पांवटा साहिब में होने जा रही है।  इसके लिए भाजपा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। बैठक के लिए गठित 19 कमेटियां भी अपने-अपने काम में जुटी हुई हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बाद पांवटा साहिब में नगर परिषद द्वारा आयोजित होली मेले की सांस्कृतिक संध्या और दंगल रद्द कर दिया गया है, लेकिन प्रदेश कार्य समिति की बैठक को कैंसिल करने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय सामने नहीं आया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशानुसार होली मेले की सांस्कृतिक संध्या और दंगल रद्द हो सकते हैं, तो ऐसे में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक करवाना कितना सही है। जानकारी के मुताबिक भाजपा की इस बैठक में प्रदेश और केंद्र स्तर के कई वीआईपी नेता शिरकत करेंगे। इस बैठक में संख्या भी सैकड़ों में होगी तो फिर क्या भारत सरकार की एडवाइजरी भाजपा पर लागू नहीं होती। जानकारों की मानें तो यह बड़ी बैठक है जिसमें कई वीआईपी शख्सियतें भाग लेंगी। जिस प्रकार कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार की एडवाइजरी आई है उसमें एक स्थान पर बड़े समूह में एकत्रित होना खतरे से खाली नहीं है।इसलिए हर बड़े आयोजन को लेकर या तो बहुत ज्यादा ऐहतियात बरती जा रही है या कार्यक्रम कैंसिल किए जा रहे हैं। भाजपा की इस बैठक में तो सैकड़ों की तादात में बड़े नेता और मुख्यमंत्री सहित पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मंत्री और केंद्र के मंत्री तक शामिल हो सकते हैं, जिससे रिस्क बढ़ सकता है।