हरियाणा में जनता कर्फ्यू का पालन नहीं

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को मिड-डे मील का राशन घर-घर बांटने का फरमान किया जारी, शिक्षक संगठनों में रोष

पंचकूला – लगातर शिक्षा विभाग फिजूल के तुगलकी फरमान जारी कर खुद के साथ सरकार की खूब थुक्का फजीहत करवा चुका है। अब जहां पूरा देश कोरोना से भयजदा है, ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने मिड-डे मील को लेकर अजीब से आदेश जारी कर विभाग की छवि के साथ मोदी के जनता कर्फ्यू को भी बेमानी बना दिया। जहां पूरे देश को मोदी ने 22 को जनता कर्फ्यू के नाम पर घर से न निकलने की अपील की वहीं, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को घर-घर जाकर अनाज बांटने के फरमान जारी कर दिए हैं, जिसे लेकर शिक्षक संगठनों में तीखा रोष है। निदेशक शिक्षा विभाग मिड-डे मील हरियाणा ने तुगलकी फरमान पत्र जारी कर कहा है कि अध्यापक 19 से 31 मार्च तक का मिड-डे मील का राशन बच्चों को घर घर जाकर बांटेंगे।  जबकि इस समय मुश्किल भरा जो दौर चल रहा है यह न केवल अपने देश के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए आपातकाल जैसे हालात बने हुए हैं और इससे बचने का एक ही तरीका है कि लोग एक-दूसरे के संपर्क में कम से कम आए ताकि यह वायरस और आगे न फैले। ऐसे मुश्किल भरे दौर में हमारे शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और उनके सलाहकार लगता है इस समस्या से अवगत नहीं हैं।   एक तरफ  देश प्रधानमंत्री जनता कर्फ्यू की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ  अपने आपको पढ़े-लिखे समझने वाले ये अधिकारी इतनी मूर्खतापूर्ण आदेश दे रहे हैं, जिसका कोई औचित्य ही नहीं बनता। इस आपदा काल में अगर अध्यापक बच्चों के घर पर आधी आधी किलो के गेहूं और चावल के पैकेट पहुंचाएंगे, तो इससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ेगाए जबकि इस समय आवश्यकता अपने-अपने घरों में रहने की है। यदि अधिकारियों को बजट खर्च करना ही है तो जब हालात सामान्य हो जाए और स्कूल खुल जाए तब बच्चों को इन दिनों का राशन अलग से दिया जा सकता है , लेकिन ऐसे समय बिलसकुल भी नहीं। इस बारे राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंचकूला जिलाध्यक्ष गोपीचंद और महासचिव सुजीत यादव ने मुख्यमंत्री हरियाणा से विनम्र निवेदन किया है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ  सख्त कार्रवाई अम्ल में लाई जाए।राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ऐसे बेतुके फरमान का पूर्ण रूप से बहिस्कार करेगा।  हम अपने छात्रों एवं उनके परिवार वालों के जीवन  को सिर्फ आधी किलो गेहूं और चावल के लिए खतरे में नहीं डाल सकते हैं, हां जरूरत पड़ी तो सभी साथी मिलकर आधी किलो गेहू आधी किलो चावल इन आधे पढ़े-लिखे अधिकारियों के घर पर छोड़ सकते हैं क्या वे अधिकारी इसको लेने का रिस्क लेंगे। उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ पंचकूला  के जिला प्रधान राजेंद्र पाल मेहता ने इस मामले में कहा कि हरियाणा सरकार का घर-घर जाकर मिड-डे मील का राशन बांटने का फरमान सर्वथा गलत है। दस दिन का कुल अनाज प्राइमरी स्कूलों के लिए एक किलो और मिडल स्कूलों के लिए डेढ़ किलो बनता हैए जिसको बच्चों को घर जाकर देकर आना है।