हिंदी हैं हम, हिंदी में है दम

पूर्व मुख्यमंत्री एवं साहित्यकार शांता कुमार ने कहा है कि इतिहास में आजादी प्राप्त करने का आंदोलन महत्त्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक है। शांता ने कहा कि प्रांरभ से ही हिंदी साहित्य सम्मेलन के नेतृत्व में हिंदी को राजकाज की भाषा बनाने की कोशिश की जा रही है। वह सोलन में आयोजित हिंदी राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर सभापति पहुंचे थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और इसका अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि अपने कारोबार से संबंधित कामकाज का नाम हिंदी में ही लिखें और कम से कम शादी के निमंत्रण कार्ड तो हिंदी में ही होने चाहिएं।

प्रदीप भाटिया के साथ सुरेंद्र ममटा की रिपोर्ट।