अब सीधे एक साल की सजा

आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू, काम में बाधा डालने या हेराफेरी पर मिलेगा दंड

शिमला –कोरोना से निपटने के लिए हिमाचल सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू कर दिया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धाराओं का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के तहत दंडित किया जाएगा। इस अधिनियम के तहत आपदा से निपटने में बाधा डालने या पैसों की हेराफेरी करने पर एक साल की सजा का प्रावधान है। राजस्व-आपदा प्रबंधन, हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से उत्पन्न स्थित के प्रबंधन के लिए राज्य में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराएं लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि 24 मार्च से शुरू होने वाले 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के तहत, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू किया गया है। इसमें इस अवधि के दौरान प्रदान की जाने वाली छूट भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत अपराध और दंड का प्रावधान है। इसके तहत किसी सरकारी कर्मचारी या एनडीएम, एसडीएम या डीडीएम द्वारा अधिकृत व्यक्ति को कर्तव्यों का पालन करने में रूकावट पैदा करना, सरकार या एनडीएमए, एसडीएमए या डीडीएमए द्वारा जारी किसी निर्देश का पालन करने से इनकार करना, सरकारी फायदे प्राप्त करने के लिए झूठे दावे करना, आपदा में राहत पहुंचाने के लिए नियत पैसे की हेराफेरी करना, आतंकित करने वाली झूठी चेतावनी देना दंडनीय अपराध हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी न्यायालय, आपदा प्रबंधन अधिनियम के अधीन किसी भी अपराध का संज्ञान अधिनियम की धारा 60 के अन्तर्गत ले सकता है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत सरकारी कर्मचारी द्वारा सामान्य हित में जारी किए गए आदेशों या निर्देशों की अवज्ञा करने का दोषी पाए गए व्यक्ति को कानून के तहत दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के निर्देशों को लागू करना सुनिश्चित करें। किसी को भी राष्ट्रीय आपदा अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर कानून के तहत दंडित किया जाए। झूठी सूचना का किसी भी रूप में प्रसार करने वाले व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 के तहत एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना हो सकता है।

धारा 54 में प्रावधान

सुप्रीम कोर्ट ने भी 31 मार्च को यह बताया है कि आपदा प्रबंधन उन लोगों को दंडित करने के लिए अधिनियम की धारा 54 का उपयोग किया जा सकता है, जो आपदा या इसकी गंभीरता या प्रभाव के रूप में गलत सूचना या चेतावनी देते है। इससे आमजन में घबराहट पैदा होती है।

घर-द्वार मिलेंगे कीटनाशक, खाद

शिमला। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बागबानों को घर-द्वार पर कीटनाशक, खाद व अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात से एंटी हेलनेट की आपूर्ति में भी तेजी लाई जाए, ताकि बागबानों को समय पर उपलब्ध करवाया जा सके। सीएम ने शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में यह निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए कर्फ्यू के दृष्टिगत प्रदेश के सेब बागबानों की मांगों के प्रति संवेदनशील है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदेश के बागबानों को कीटनाशक, खाद तथा पौधों के संरक्षण की अन्य सामग्री की कोई कमी न हो। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को बागबानों को घरद्वार के समीप अथवा गांव के आधार पर कीटनाशक, खाद तथा पौधों के संरक्षण की अन्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बागबानों को समयबद्ध आधार पर मधुमक्खी के बक्से तथा एंटी हेलनेट की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कार्टन बक्सों तथा ट्रे के उत्पादन को आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल किया जाए।

चारे की पुख्ता व्यवस्था की जाए

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पशुओं को चारे की पुख्ता व्यवस्था की जाए। उन्होंने पशु चारे की आपूर्ति को लेकर रोजाना निगरानी रखने के लिए कहा है। शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि उन्हें चारे की आपूर्ति की दैनिक आधार पर निगरानी करनी चाहिए, ताकि संबंधित एजेंसियों से और अधिक चारे की आपूर्ति के लिए संपर्क किया जा सके। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में मत्स्य आहार उपलब्ध करवाया जाना चाहिए और आहार ले जाने वाले वाहनों को अनुमति भी दी जानी चाहिए। सीएम ने गोसदनों में पर्याप्त मात्रा में चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य में चारे और पशु आहार की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।