मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है तथा यह किसी को भी हो सकता है। उल्टी, मितली, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द और बुखार इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण नजर आएं तो 24 घंटों के भीतर उसे चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। देर न करें क्योंकि यह बीमारी बिना किसी डाक्टरी इलाज के ठीक नहीं की जा सकती। हालांकि कुछ घरेलू उपाय भी सहायक साबित हो सकते हैं। परंतु सबसे पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें। मलेरिया से लड़ने में आपकी मदद करने वाली कुछ जड़ी-बूटियां इस प्रकार हैं।
कटकरंज- एक कप पानी में 5-6 ग्राम कटकरंज के बीज डालें, फिर इस पानी को बुखार चढ़ने से 2 घंटे पहले और बुखार उतरने के 2 घंटे बाद पिएं।
धतूरा- धतूरा के पत्तों को मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। इन पत्तों को पीस कर गुड़ के साथ मिलाकर इनकी छोटी गोलियां बनाई जाती हैं। गोली को बुखार चढ़ने से पहले लिया जाता है।
आर्टेमिशिया एन्नुआ- इस जड़ी-बूटी का दूसरा नाम स्वीट व्रमवुड है। इस जड़ी-बूटी को थोड़ी देर के लिए पानी में रखें और फिर छान कर पानी को पी लें।
तुलसी- तुलसी के पत्तों को रगड़कर उसमें एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिलाकर खाएं।
मेथी – मलेरिया में मरीजों को बुखार के कारण बहुत कमजोरी लगने लगती है। मेथी के बीज इस कमजोरी से निपटने के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है।