.रो रहा बिलासपुर; बूढ़े मां-बाप को नहीं बताया था, इकलौता लाल हो गया शहीद।

भराड़ी। बिलासपर। कश्मीर से जैसे ही बिलासपुर के लाल के शहीद होने की खबर आई, तो पूरा जिला शोक में डूब गया। घुमारवीं उपमंडल की हटवाड़ ग्राम पंचायत के तहत देहरा गांव का यह वीर अभी 43 साल का था। शहीद संजीव कुमार फोरपैरा मिलिट्री में थे और इन दिनों श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनाती मिली थी। शहीद के एक परिवारिक सदस्य ने बताया कि हालांकि रविवार को ही उन्हें सूचना मिल गई थी, लेकिन बूढ़े मां-बाप को यह बात सोमवार सुबह बताई गई। बचपन से ही संजीव कुमार की सेना में जाने की इच्छा थी और वह 27 अगस्त, 1996 को फोरपैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती हुए। संजीव अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। जैसे ही आतंकी मुठभेड़ में संजीव कुमार के शहीद होने की खबर मिली है, तब से माता-पिता बेसुध हैं। संजीव की पत्नी सुजाता व सातवीं कक्षा में पढ़ रहे बेटे तनिष्क का भी रो रोकर बुरा हाल है।