कोरोना…गर्मी… और कारोबार ठप  

चंबा –कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच गर्मी की तपिश बढ़ने से शहर का कारोबार बुरी तरह मंदी की चपेट में आ गया है। हालात यह है कि दोपहर बाद शहर के बाजार में ग्राहक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। ग्राहकों की गैर मौजूदगी के चलते दुकानदारों का शाम पांच बजे तक समय बिताना भी मुश्किल होकर रह गया है। मंगलवार को चंबा जिला में 33 डिग्री तापमान होने के चलते शहर में खरीददारी के लिए लोगों की आवाजाही नाममात्र की रही। ऐसे में दुकानदारों का मानना है कि लॉकडाउन- थ्री के दौरान बाजार खुलने से आरंभिक दौर में लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए आ रहे थे। मगर पिछले तीन-चार दिनों से गर्मी की तपिश के चलते शहर में वाहनों की आवाजाही पर रोक होने के चलते खरीददारी के लिए बाजार नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ ने शहर के मुख्य बाजार का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने पर पाया कि दुकानों पर इक्का- दुक्का ग्राहक ही खरीददारी कर रहे थे, जबकि अधिकांश दुकानदार ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में दो दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को भी बाजार में ग्राहक न पहुंचने से दुकानदार मायूस दिखे। शहर के दुकानदार गुरमीत नागपाल ने बताया कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद से ही काम धंधा काफी मंदा चल रहा है। उन्होंने बताया कि मई माह के शुआती दिनों में ग्राहकों की आवाजाही होने के बाद भी कामकाज सामान्य रहा। मगर पिछले तीन- चार दिनों से गर्मी पड़ने से अब नाममात्र के ग्राहक ही बाजार पहुंच रहे हैं, जिससे कामकाज पर ब्रेक लग गई है। दुकानदार कविंद्र महाजन का तर्क था कि बाजार में लोगों की आवाजाही सीमित होने की दो वजह हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गेहूं की कटाई और मक्की बिजाई में व्यवस्त होने के चलते भी बाजार नहीं आ रहे हैं। कविंद्र महाजन ने बताया कि मार्च माह से लडखडाया कामधंधा अभी तक पटरी पर नहीं लौट पाया है, क्योंकि आय सीमित होने के चलते भी लोग खरीददारी से गुरेज कर रहे हैं। दुकानदार शिशु गुप्ता का कहना था कि गर्मी के बीच शहर में वाहनों की आवाजाही शहर में बैन होने के चलते भी लोग बाजार नहीं आना चाह रहे हैं। उन्होंने बताया कि जीरो प्वाइंट से आगे वाहन न लाने की अनुमति न होने से लोग प्रचंड गर्मी के बीच पैदल बाजार आकर खरीददारी करने की बजाय घर में समय बिताना बेहतर समझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हालात यह है कि काम धंधा न होने से खर्चे भी नहीं निकल पा रहे हैं। बहरहाल, चंबा में गरमी के बढे प्रकोप के चलते बाजारों में वीरानी छाने से कामकाज बुरी तरह मंदी की चपेट में आने से दुकानदार एक बार फिर से मायूस हो गए हैं।