कोरोना मृतकों से भय क्यों

-अंजना देवी, नगरोटा सूरियां

चीन की महामारी से आज कोई कोना अछूता नहीं है। कुछ देशों ने वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु के बाद शव को सही तरीके से प्रबंध का जिम्मा उठा लिया, लेकिन भारत अभी भी कुछ देरी कर रहा है। यहां लोग वायरस से संक्रमित मृतक को अपनी जान का खतरा मान रहे हैं। क्या ये सही है या नहीं। शायद हम वायरस से बचाव की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं, लेकिन मृतक के अंतिम संस्कार संबंधी जानकारी देने में अभी हम पीछे हैं। मुझे लगता है कि प्रशासन को मृतक के अंतिम संस्कार संबंधी जिम्मा भी उठाना चाहिए क्योंकि अंतिम यात्रा में शवों का निरादर करना अत्यंत दुखदायी है और ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है। वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है।