जमा राशि पर ब्याज कम न हो

-रूप सिंह नेगी, सोलन

रिजर्व बैंक का रेपो रेट कम करने के पीछे ध्येय भले ही कर्जदारों को कम ब्याज पर कर्ज मुहैया कराना होता है, लेकिन ऐसा करने से फिक्स डिपाजिट की ब्याज दरें भी कम हो जाती हैं। इसके फलस्वरूप करोड़ों फिक्स डिपाजिट जमाकर्ताओं पर बुरा असर पड़ना लाजिमी हो जाता है। करोड़ों लोग अपनी लाखों रुपयों की गाढ़ी कमाई को बैंकों में इसलिए फिक्स डिपाजिट में रखते हैं ताकि ब्याज की रकम से अपना जीवनयापन कर सकें। जिस तरह से पिछले कुछ सालों से फिक्स डिपाजिट पर लगातार ब्याज कम होता जा रहा है, उससे जमाकर्ताओं में भारी असंतोष पैदा होना स्वाभाविक है। भारतीय  रिजर्व बैंक एवं भारत सरकार को इस मामले में विचार करने की जरूरत है। जमाकर्ताओं की जमा राशियों के बल पर ही बैंक कर्ज देने में सक्षम होते हैं। अतः जमाकर्ताओं की अनदेखी करना उचित नहीं होगा। होना यह चाहिए कि फिक्स डिपाजिट पर ब्याज की दरें घटाई नहीं जानी चाहिएं।