दुकानें तो खुली…व्यापार मंदा… पर उम्मीदें कायम

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन से बाजारों में दुकानदारों का धंधा मंदा पड़ गया है। दुकानों को खोलने के इजाजत मिलने के बाद भी बाजार सुना पड़ा है। बसें न चलने के कारण बाजारों में खरीददार कम की पहुंच रहे हैं। लिहाजा दुकानदारों का काम 20 प्रतिशत ही सिमट तक रह गया है। दुकानदार हालत सामान्य होने तथा उनका कामकाज दोबारा पहले की तरह चलने की उम्मीद से आश लगाए बैठे हैं। ग्राहक जरूरी वस्तुओं के अलावा अन्य कोई भी सामान नहीं खरीद रहे हैं। वहीं, जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने लोगों से उनकी राय पूछी तो बेवाक होकर यूं रखी अपनी राय …                                      

                                आदित्य सोफत-सोलन

दुकानों में कम पहुंच रहे ग्राहक

धर्मपुर के अखिलेश गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से बाजार में व्यापार की एक नई उम्मीद जगी है। लॉकडाउन के दौरान व्यापार में आई गिरावट में फिर उछाल आएगा। हालांकि, अभी दुकानों के खुलने से ग्राहक बहुत कम हैं और लोग अभी आवश्यक वस्तुओं की ही अधिक मांग कर रहे हैं।

कर्फ्यू में ढील से बंधी उम्मीद

धर्मपुर के अश्वनी वर्मा का कहना है कि कोेरोना महामारी के चलते लगे कर्फ्यू से काफी नुकसान हुआ है। परंतु कर्फ्यू के दौरान दी गई ढील से फिर कुछ उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि वे दर्जी का काम करते हैं व लॉकडाउन के दौरान बस सुविधा न होने के कारण ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

ग्राहकों से नहीं मिल रहा रिस्पांस

सोनू शर्मा का कहना है कि मेरी कम्प्यूटर रिपेयर व प्रिंट की दुकान है। लॉकडाउन में मिली ढील से व्यापार करने की उम्मीद तो जगी है लेकिन ग्राहकों का कोई बेहतर रिस्पांस नहीं आ रहा है। क्योंकि धर्मपुर बाजार के अधिकतर लोग ग्रामीण क्षेत्रों के भरोसे कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों के बाजार में न आने के चलते कठिनाई भी हो रही है। अभी लोकल ग्राहकों से ही उम्मीद है पर वह भी आवश्यक सामान की खरीददारी के लिए ही मार्केट पहुंच रहे हैं।

दुकानों का खर्च भी नहीं निकल रहा

धर्मपुर के पंकज का कहना है को व्यापार को पटरी पर उतारने के लिए सरकार हर संभव प्रयास तो कर रही है, लेकिन बाजारों से खरीददार बहुत कम है। बस आदि न चलने से जिला के अन्य क्षेत्रों से लोग शहर में नहीं आ रहे हैं। सामान की सेल आधी भी नहीं रही है। दुकान में रखे अन्य लोगों को वेतन देना मुश्किल हो गया है। दुकानों के किराए व अन्य  खर्च भी इन दिनों मुश्किल से निकल रहा है, लेकिन हमें इस संकट में धैर्य भी रखना है। जल्द ही हालात सुधर जाएंगे। धर्मपुर के व्यापारी प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच में कर्फ्यू व लॉकडाउन ढील का डिसीजन बेहतर है। लॉकडाउन में व्यापार बहुत कम हुआ है। व्यापार के जो हालत इससे बने हैं अब इन हालतों के सुधरने की उम्मीदें जगी है। अभी शुरुआत में लिमिटेड स्टॉक ही मंगवा रहे हैं, जब यह सेल हो जाता है तभी अगला स्टॉक मंगवाया जा रहा है।