भ्रष्टाचार पर नकेल कब

-राजेंद्र शर्मा, ऊना

हर चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाती हैं और घोषणा करती हैं कि यदि हम सत्ता में आए तो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हमारी नीति होगी। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। भोली- भाली जनता, बार-बार धोखा खाने के बाद भी, इन पर विश्वास कर लेती है और यह सत्ता पर सवार हो जाते हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि विपक्ष को भ्रष्टाचार नजर आता है, पर सत्ता पक्ष को सब पाक साफ  नजर आता है। जनता पिस रही है और घूसखोरों के हौसले बुलंद हैं। भ्रष्टाचारियों ने अमृत पान किया हुआ है। उन्हें पूरा भरोसा है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पहले तो पकडे़ ही नहीं जाएंगे, यदि पकड़े गए तो कुछ दिन बाद ही बा-इज्जत बरी हो जाएंगे। आज तक कितनों को नौकरी से निकाला गया है? कितनों को जेल हुई है? अब तो कुछ अधिकारी व कर्मचारी इतने ताकतवर हो गए हैं कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, राज उन्हीं का होता है। वे हर सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के चहेते बन जाते हैं। आज तक भ्रष्टाचार के खिलाफ  जितने भी आंदोलन चले, आखिर में जीत केवल भ्रष्टाचार की ही हुई। न जाने हमारे देश में कब तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव होते रहेंगे और आम जनता कब तक अन्याय की भट्ठी में पिसती रहेगी?