अनदेखी का शिकार हो रही मासूम जिंदगियां

पंचकूला – गर्व होता था हिंदुस्तान के नागरिक होने पर क्योंकि भारत देश की एकता, संस्कृति और आपसी भाईचारे का नाम दुनिया में सर्वप्रिय बोला जाता था, लेकिन आज जिस प्रकार से कुर्सी की चाहत ने राजनीति करने वालों ने इंसानियत की सारी हदों को पार कर इस देश की आवाम को सड़कों पर ला मरने को छोड़ दिया और ये भी नहीं देखा कि कितनी मासूम जिंदगियों को सताधारी नेताओं की अनदेखी का शिकार होना पड़ा। यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन पंचकूला प्रधान, लेखिका व समाजसेविका प्रीति धारा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जहां पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया कोरोना जैसे वायरस को लेकर संघर्ष कर रही है भारत देश भी इस से अछूता नहीं रहा ओर  देश की आवाम ने सरकार के दिए आदेशों की पालना करते हुए इस वायरस से बचने के लिए एकजुट हो सरकार के साथ चल चाहे वो जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन ही क्यों ना हो पर चंद देश के शरारती तत्वों ने इसे बिखरने कि कोशिश बहुत की, लेकिन उनको कामयाबी नहीं मिली। प्रीति धारा ने कहा कि सताधारी सरकार आज जिस प्रकार से मानवता के अधिकारों का हनन कर रही है बहुत शर्मनाक है और विपक्ष भी अपनी जिम्मेवारी को निभाने में जनता के प्रति भागता नजर आ रहा है।