चिदम्बरम की जमानत के खिलाफ सीबीआई की पुनर्विचार याचिका खाारिज

नई दिल्ली – आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने से जुड़े मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम को उच्चतम न्यायालय से राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने श्री चिदम्बरम को मिली जमानत रद्द करने संबंधी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने का अनुरोध ठुकराते हुए याचिका खारिज कर दी। खंडपीठ ने गत दो जून को चैम्बर में सर्कुलेशन के जरिये सुनवाई करते हुए पुनर्विचार खारिज की। इसके आदेश की प्रति आज जारी की गयी। न्यायालय ने कहा कि श्री चिदम्बरम को जमानत देने के फैसले में कोई गलती नहीं हुई है, इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने श्री चिदम्बरम को चार दिसम्बर 2019 को जमानत पर रिहाई का आदेश दिया था। उस समय तक पूर्व वित्त मंत्री 106 दिन तिहाड़ जेल में काट चुके थे। उनपर आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने के लिए नियमों की अनदेखी करने का आरोप है। श्री चिदम्बरम पर आरोप है कि इन्होंने वित्त मंत्री की हैसियत से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के नियमों की अनदेखी करते हुए आईएनएक्स मीडिया में 305 करोड़ रुपये निवेश को मंजूरी दी थी। इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम पर भ्रष्टाचार का आरोप है।