हिमाचल में अनलॉक-1 : पहले दिन नाम को ही दौैड़ी निजी बसें, प्रदेश में पहले दिन चल पाईं मात्र 200 ही बसें

3100 में से 200 ही सड़कों पर उतरीं, सवारियां कम होने का हवाला

शिमला – हिमाचल प्रदेश में सोमवार को बसों का संचालन तो आरंभ हो गया, मगर सड़कों पर निजी बसें कम की दौड़ती नजर आईं। प्रदेश में पहले दिन मात्र 200 ही बसें चल पाईं, जबकि 2900 बसों के पहिए लगातार 73वें दिन भी थमे रहे। प्रदेश में निजी बसों के कम संख्या में चलने के पीछे सवारियों के बाहर न निकलने और कुछ जिलों में बस मालिकों व चालक-परिचालकों के मध्य उपजे विवाद को कारण बताया जा रहा है। हालांकि बस मालिकों व चालक-परिचालकोें के बीच चल रहा विवाद सुलझ गया है, मगर सवारियां कम होने से घाटे को देखते हुए निजी बस मालिक बसें नहीं चला रहे हैं। हिमाचल प्रदेश प्राइवेट बस ऑप्ररेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने बताया कि पहले दिन राज्य में 200 ही बसें चल पाई है। उनका कहना है कि राज्य के अधिकतर रूटों में सवारियां कम हैं। ऐसे मेें बसों में सवारियां कम होने से कई आप्रेटरों द्वारा बसें नहीं चलाई गई हैं। राज्य में निजी बसोें का फ्लीट 3100 के करीब है, जिसमें से 2900 बसों के पहिए अभी तक थमे हुए हैैं। हालांकि निजी बस ऑपे्रटर यूनियन द्वारा आगामी दिनों के  दौैरान बसों के सामान्य संचालन का दावा किया जा रहा है, मगर सड़कों पर पथ परिवहन निगम के साथ-साथ कितनी निजी बसें दौड़ती हैं, यह आगामी दिनों के दौरान बसों के संचालन से सामने आएगा।

परिवहन संचालन पर दोबारा मंथन करे सरकार

हिमाचल प्राइवेट बस ऑप्रेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि राज्य सरकार को बसों के संचालन पर दोबारा से मंथन करना चाहिए। इसमें एचआरटीसी के अधिकारियों के साथ साथ प्राइवेट बस ऑपे्रटर यूनियन के पदाधिकारियों कोे भी बुलाया जाना चाहिए, ताकि राज्य में पूर्ण रूप से बसों का संचालन हो औैर ऑप्रेटरों को नुकसान भी न झेलना पड़े।