भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई

-हरिमित्र भागी, सकोह, धर्मशाला

कोरोना महामारी से सचेत होकर जहां सारा देश एक-दूसरे को सहयोग दे रहा था, वहीं हिमाचल में स्वास्थ्य घोटाला मानवता की हदें पार करता हुआ लगता है। पीपीई किट्स की खरीद में घोटाला प्रदेश की छवि को धूमिल करता हुआ लग रहा है। हालांकि इस घोटाले के उजागर होने के बाद स्वास्थ्य निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया है, साथ ही घोटाले में नाम आने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बावजूद इस मामले में कठोर कार्रवाई की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वक्तव्य दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। इस परिप्रेक्ष्य में आशा की जा सकती है कि भ्रष्टाचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा लोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग होते हुए भी बैंकों की भर्ती शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाना तथा परिवहन निगम की भर्ती संबंधित विभाग द्वारा ही करवाना तर्कसंगत नहीं लगता है। समानांतर भर्ती संस्थान बनाना सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं। इसलिए इस नीति में परिवर्तन किया जाना चाहिए। सरकार को खाली पद भरने चाहिएं, साथ ही पुरानी पेंशन बहाल करने तथा सिटीजन चार्टर लागू करने की दिशा में भी काम करना चाहिए।