इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

कोरोना वायरस के बारे में अभी भी दुनियाभर में रिसर्च हो रही है, क्योंकि इसके बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते हैं। भारत समेत दुनिया के 50 से अधिक देशों में ये वायरस अभी कंट्रोल में नहीं आया है, इसका खतरा संभावित रूप से हर एक व्यक्ति को है…

ये बात आप लंबे समय से सुनते आ रहे हैं कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जैसे खांसी, बुखार, नाक बहना आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मामलों में सामान्य लक्षणों के बाद अचानक मरीज की स्थिति सीरियस कंडीशन में पहुंच जाती है। इसलिए जुकाम, बुखार, खांसी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। कोरोना वायरस के बारे में अभी भी दुनियाभर में रिसर्च हो रही है, क्योंकि इसके बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते हैं। भारत समेत दुनिया के 50 से अधिक देशों में ये वायरस अभी कंट्रोल में नहीं आया है, इसका खतरा संभावित रूप से हर व्यक्ति को है।

क्या है साइटोकाइन स्टॉर्म  

ये तो आप भी जानते हैं कि कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं है इसलिए फिलहाल कोरोना वायरस से लड़ाई मरीजों का इम्यून सिस्टम ही लड़ रहा है। क्योंकि कोरोना वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है इसलिए इम्यून सिस्टम फेफड़ों से वायरस को मारने के लिए हमला करता है, जिससे इन्फ्लेमेशन होती है और वायरस धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं।

कोरोना वायरस के संपर्क में आने के कुछ दिन बाद वायरस शरीर पर हावी होना शुरू होते हैं। ऐसे में कुछ लोगों को गले में खिचखिच, नाक बहना, बुखार और खांसी जैसे लक्षण या कई बार कोई लक्षण नहीं दिखते। 6-7 दिनों में ही ये सामान्य लक्षण निमोनिया में बदलने लगते हैं। निमोनिया में लक्षणों के बदलने का अर्थ है कि वायरस फेफड़ों पर अटैक कर चुका है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखें, तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लक्षणों को पूरी तरह उभरने में कई बार 2 से 14 दिन का समय लगता है, इसलिए बुखार, खांसी, जुकाम जैसे सामान्य लक्षण भी हैं, तो अपने आपको आइसोलेशन में रखें और दूसरे व्यक्ति के संपर्क में न आएं। बुखार अगर लगातार आए और प्राथमिक दवाओं से आराम न मिले, तो अपने नजदीकी कोविड सेंटर में जाकर जांच करवाएं।