सरकारी नीति के तहत करुणामूलक नौकरियां, सहकारिता विभाग की बैठक में लिया फैसला

सहकारिता विभाग की बैठक में लिया फैसला, राज्य के तीनों प्रमुख बैंकों का काम बेहतर

शिमला – प्रदेश के तीन प्रमुख सहकारी बैंक राज्य की सभी प्रमुख योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वावलंबन, मुद्रा, अटल पेंशन और प्रधानमंत्री जनधन योजना आदि के प्रभावी कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।  इसके अतिरिक्त राज्य के कमजोर सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को भी ऋण सुविधा प्रदान कर रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सहकारिता विभाग की बैठक में कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक कोर बैंक सोल्यूशन पर अपनी सभी शाखाएं चलाने वाला पहला राज्य सहकारी बैंक है। बैंक देश में स्वचालित एनपीए प्रणाली लागू करने वाला पहला सहकारी बैंक है। इस दौरान बैठक में निर्णय लिया गया कि इन बैंकों में करूणामूलक आधार पर नियुक्तियां राज्य सरकार की नीति के मुताबिक की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य सहकारी बैंक के पास 11814.67 करोड़ रुपए की जमा पूंजी है, जबकि केसीसी बैंक के पास 11539.15 करोड़ की जमा पूंजी है। सहकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल ने राज्य में सहकारी बैंकों के सुदृढ़ीकरण में गहन रुचि रखने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

किसानों को कृषि ऋण

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1029 करोड़ रुपए के कृषि ऋण वितरित किए हैं, जबकि कांगड़ा केसीसी बैंक ने 598.58 करोड़ के कृषि ऋण वितरित किए हैं, जो इन बैंकों के राज्य के किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं।