कोविड उपचार के लिए तैयार किया गया सेंसर, संक्रमित मरीज के शरीर पर दवा के असर को मापने में करेगा मदद

लंदन – कोरोना वायरस (कोविड-19) के उपचार के लिए तैयार की जा रही संभावित दवाओं के शरीर पर असर को समझने के लिए एक सेंसर तैयार किया गया है। कैंब्रिज विश्वविद्यालय, कोरनेल विश्वविद्यालय और स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कोशिका में किसी दवा का क्या असर हो रहा है। यह अध्ययन ‘लांगमुइर’ और ‘एसीएस नैनो’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। यह उपकरण एक इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल कर कोशिका से निकाली गई झिल्ली में किसी तरह के बदलाव को मापता है। इससे वैज्ञानिकों को सुरक्षित एवं आसान ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि कोशिकाएं बाहरी दुनिया से कैसे प्रभावित होती हैं।  साथ ही नई दवाओं और एंटीबॉडी की भी पहचान की जा सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस उपकरण का प्रयोग कोविड-19 के लिए संभावित दवाओं की जांच करने में किया जा सकता है। यह उपकरण किसी भी प्रकार की कोशिका की नकल कर सकता है, चाहे वह जीवाणु हो, मानवीय कोशिका हो या पौधों की सख्त कोशिका भित्ति। इन उपकरणों को कोशिका झिल्ली की संरचना और कार्यक्षमता को संरक्षित रखते हुए चिप पर तैयार किया गया है। अनुसंधानकर्ताओं ने मानवीय कोशिकाओं में प्रोटीन के एक वर्ग ‘आयन चैनल’ की गतिविधि की निगरानी के लिए इस उपकरण का प्रयोग किया, जो कि सफल रहा। इस प्रोटीन पर असर करना 60 प्रतिशत से अधिक स्वीकृत दवाओं का लक्ष्य होता है।

इसलिए चुनी कोशिका

वैज्ञानिकों ने कहा कि कोशिका झिल्लियां जैविक संकेतन में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। वे कोशिका और बाहरी दुनिया के बीच द्वारपालक बनकर वायरस से होने वाले संक्रमण से लेकर दर्द में राहत दिलाने तक हर चीज को नियंत्रित करती हैं। इस कारण कोशिका की झिल्ली में हेने वाले बदलाव दवा के सही असर का मानक हो सकते हैं।