हिमाचल में अब बिना पास भी एंट्री, केंद्र की सख्ती के बाद हिमाचल सरकार ने खत्म की कोविड पास व्यवस्था

शिमला – केंद्र की सख्ती के बाद हिमाचल सरकार ने इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए कोविड पास सिस्टम खत्म कर दिया है। अब नई व्यवस्था में  रजिस्ट्रेशन के आधार पर कोई भी व्यक्ति बाहरी राज्यों से हिमाचल के लिए आवाजाही कर सकता है। इस बड़े फैसले के बावजूद प्रदेश सरकार फिलहाल इंटरस्टेट बसें नहीं चलाएगी। उल्लेखनीय है कि 29 जून को अनलॉक-टू के लिए जारी गाइडलाइंस में केंद्रीय मंत्रालय ने इंटरस्टेट मूवमेंट पूरी तरह खोल दी है। राज्य सरकार ने इस पर सहमति न जताते हुए केंद्र से हिमाचल में इंटरस्टेट मूवमेंट पर रोक लगाने का आग्रह किया था। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह मामला फिर उठा। इस दौरान केंद्र सरकार ने हिमाचल को कड़े निर्देशों में इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए पास सिस्टम खत्म करने को कहा। हालांकि केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने इंटरस्टेट बसें न चलाने के हिमाचल के प्रस्ताव को मान लिया। इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार दोपहर बाद अनलॉक-टू की नई गाइडलाइन जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि अब इंटरस्टेट के लिए कोविड पास की शर्त हटा दी गई है। हिमाचल में आने-जाने के लिए किसी पास की जरूरत नहीं होगी। हालांकि नई व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन के आधार पर एंट्री मिलेगी। अब बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले किसी भी व्यक्ति को अपना ई-कोविड सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसकी स्लिप के

आधार पर कोई भी व्यक्ति हिमाचल में एंट्री कर सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। नए निर्देशों में कहा है कि मानवीय दृष्टिकोण के चलते गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को इंस्टीच्यूशनल क्वारंटाइन सेंटरों में नहीं भेजा जाएगा। इसी तरह 60 साल से अधिक आयु, यंग मदर, महिलाओं और 10 साल से कम आयु के बच्चों को भी होम क्वारंटीन की सुविधा देने का प्रयास होगा। इस श्रेणी के लोगों को देश के किसी भी राज्य से आने पर 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। सैन्य व अर्द्धसैनिक बल के जवानों को आईकार्ड पर प्रवेश मिलेगा। अपने घर छुट्टी आने वाले सैनिक भी ट्रेन व प्लेन टिकट के अलावा अपना ऑफिशियल आईकार्ड दिखा सकते हैं। हालांकि लक्षण वाले मरीजों को मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत कोविड टेस्ट के लिए इंस्टीच्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाएगा।

रजिस्ट्रेशन से तय होगा क्वारंटाइन प्लेस

सरकार ने रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बाहर से आने वालों पर कड़ी निगरानी रखने के मद्देनजर ली है। इसी रजिस्ट्रेशन के आधार पर संक्रमण प्रभावित हैवी लोड राज्यों से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए पहले की तरह होम क्वारंटाइन की व्यवस्था रहेगी।

जरूरी काम वाले नहीं होंगे क्वारंटाइन

जरूरी कार्यों के चलते इंटरस्टेट मूवमेंट करने वालों को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। इस फेहरिस्त में परीक्षार्थी, इंटरव्यू, बिजनेस पर्पज, मीटिंग, शादी समारोह और परिवार में किसी की मृत्यु के बाद शामिल होने वाले को क्वारंटाइन की शर्त से छूट देने को कहा है। अन्य लोगों के लिए 48 घंटे के भीतर लौटने पर भी क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा।

इन्हें रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत नहीं

इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए हर दिन या वीकेंड पर आवाजाही के लिए कुछ श्रेणियों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से भी छूट दी गई है। इसमें इंडस्ट्रियलिस्ट, बिजनेस ट्रेडर, सप्लायर, फैक्टरी वर्कर्ज, प्रोजेक्ट कर्मी को आवाजाही के लिए छूट दी है। इन्हें सिर्फ अपना डाटाबेस स्थानीय प्रशासन को देना होगा।

लेबर के लिए शर्तों के साथ छूट

नई गाइडलाइंस में लेबर के लिए छूट दी गई है। इसके तहत बागबानों-किसानों, ठेकेदारों तथा प्रोजेक्ट कार्यों के लिए लेबर के लाने के लिए भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बाहर से आने वाली लेबर को कार्यस्थल पर क्वारंटाइन के साथ काम करने की अनुमति रहेगी। इन्हें 14 दिन तक स्थानीय लोगों से मेलजोल और कार्यस्थल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।