जामुन के पौष्टिक गुण

काले मीठे, रसीले और स्वाद भरे जामुन हर मन पर राज करते हैं और इसका स्वाद चखे बिना कोई नहीं रह पाता। स्वाद में जितने लाजवाब, उतने ही बेशकीमती हैं इसके सेहत व सौंदर्य लाभ। जानिए जामुन के बेहतरीन लाभ।

जामुन और आम का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है। यह त्वचा का रंग बनाने वाली रंजक द्रव्य मेलानिन कोशिका को सक्रिय करता है, अतः यह रक्तहीनता तथा ल्यूकोडर्मा की उत्तम औषधि है। गठिया के उपचार में जामुन बेहद उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।

इसमें मौजूद तांबा शीघ्र अवशोषित होकर रक्त निर्माण करने में सहायक है। मुंह में छाले होने पर जामुन का रस लगाने, पीने एवं जामुन के पत्तों को चबाने से बहुत जल्दी लाभ होता है। जामुन के पत्तों को अच्छी तरह से चबाकर थूकते रहें। छाले गायब हो जाएंगे। जामुन का रस, शहद, आंवले या गुलाब के फूल का रस बराबर मात्रा में मिलाकर एक-दो माह तक प्रतिदिन सुबह सेवन करने से रक्त की कमी एवं शारीरिक दुर्बलता दूर होती है। स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। जामुन के एक किलोग्राम ताजे फलों का रस निकालकर अढ़ाई किलोग्राम चीनी मिलाकर शरबत जैसी चाशनी बना लें।

इसे एक ढक्कनदार साफ  बोतल में भरकर रख लें। जब कभी उल्टी, दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत हो, तब दो चम्मच शरबत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर पिलाने से तुरंत राहत मिलती है।

भूख न लगने की स्थिति में- कुछ दिनों तक जामुन के रस का सेवन आश्चर्यजनक रूप से फायदेमंद साबित होता है। वहीं कब्ज और पेट संबंधी रोगों में जामुन का सिरका चामत्कारिक लाभ देता है। विषैले जंतुओं के काटने पर जामुन की पत्तियों का रस पिलाना चाहिए।  काटे गए स्थान पर इसकी ताजी पत्तियों का पुल्टिस बांधने से घाव स्वच्छ होकर ठीक होने लगता है, क्योंकि जामुन के चिकने पत्तों में नमी सोखने की अद्भुत क्षमता होती है।

विशेष

इतना ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में जामुन खाने से शरीर में जकड़न एवं बुखार होने की संभावना भी रहती है। इसका सेवन कभी खाली पेट नहीं करना चाहिए और न ही इसके खाने के बाद दूध पीना चाहिए।