मंडी के कोरोना संक्रमित का 17 दिन बाद भी नहीं हुआ संस्कार

नेरचौक –सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण का शिकार हुए एक भारतीय के शव का 17 दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। मृतक के परिवार वालों ने स्थानीय प्रशासन से शव अपने देश भारत लाने की इच्छा जाहिर की है, ताकि वे उनके अंतिम दर्शन कर गांव में हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार कर सकें। गौरतलब है कि 18 जून को मंडी के बल्ह के गांव बैरी कोठी निवासी 55 वर्षीय दीनानाथ की सऊदी अरब के जुबेल में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई थी। परिवार को मृतक के साथ जुबेल में रहने वाले उनके मित्र ने यह दुखद सूचना दी थी, जिस पर बेटे नीरज ने संबंधित कंपनी के अधिकारियों से व्यक्तिगत तौर पर बात करते हुए मृतक की मौत का प्रमाण पत्र हासिल किया। प्रमाण पत्र मिलने के बाद बेटा नीरज, जो कि भारतीय थल सेना की जैक राइफल में बतौर राइफलमैन देश की सेवा कर रहे हैं, ने प्रशासन के माध्यम से उनके पिता के शव को गांव वापस लाने की गुहार लगाई, लेकिन दस दिन से भी अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक परिवार के साथ न शासन, न प्रशासन की ओर से कोई पत्राचार किया गया।  फलस्वरूप मृतक का 17 दिन बीत जाने के बाद भी दाह संस्कार नहीं हो पाया है। सरकार और प्रशासन के असंवेदनशील रवैए के चलते परिजनों और फौजी बेटे में खासा रोष है। शोक संतप्त परिजन अपने स्तर पर कंपनी के अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं। कंपनी के अनुसार कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का शव वापस नहीं भेजा जा सकता। इसलिए सऊदी अरब के कानून के अनुसार मृतक के शरीर को दफनाया ही जा सकता है, जिसके लिए परिवार से सहमति प्रदान करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है।

हिंदू रीति-रिवाज से कर दें संस्कार

मृतक के परिजनों का कहना है कि अगर भारत सरकार शव वापस नहीं ला सकती, तो मृतक का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सऊदी अरब में दाह संस्कार तो करवाया जा सकता है। उसके बाद मृतक की अस्थियां व राख उन्हें सुपुर्द की जाए, ताकि वे परंपराओं का वहन कर सकें।