राजस्थान में अभी नहीं थमी सियासी हलचल, विधायकों को बचाने की जंग तेज

जयपुर – राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत सरकार के स्पष्ट बहुमत होने के दावे के बीच कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से सुलह की कोशिशें शुरु हो गयी हैं। मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक से पहले श्री गहलोत ने विजय का चिन्ह दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आये थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए होटल ले जाया गया। श्री गहलोत भी बस में उनके साथ थे। इस बीच श्री कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए श्री पायलट और श्री गहलोत से बात की है। यह बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। श्री पायलट अभी दिल्ली में ही हैं। उन्होंने 25 विधायकों के साथ होने का दावा किया है। मुख्यमंत्री गहलोत के पास स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी सियासी घटनाक्रम और चल सकते हैं। लिहाजा विधायकों को होटल में ठहराया गया है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अब तक सरकार गिराने के प्रयासों का कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन आज आयकर विभाग के श्री गहलोत के दो नजदीकी नेताओं के यहां छापेमारी से यह कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा भी कहीं न कहीं इस घटनाक्रम में जुड़ी हुई है। पार्टी के प्रवक्ता रण्दीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफेस में यह आरोप लगाया भी कि आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भाजपा के अग्रिम संगठन हैं तथा आयकर विभाग की कार्रवाई सामने आ चुकी है। उन्होंने पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायकों से अपील की कि बातचीत के लिये उनके दरवाजे खुले हैं। उसके बाद से ही यह लग रहा था कि पायलट से सुलह की कोशिशें चल रही हैं।