टेंशन फ्री रहें हिमाचल के किसान-बागबान, हिमफैड-एचपीएमसी खरीदेंगे आम

बिलासपुर – हिमाचल के बागबानों को इस बार अपनी आम की फसल के लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस बार प्रदेश के बागबानों की आम की फसल सीधा ही हिमफैड और एचपीएमसी खरीद लेंगे। इसका सीधे तौर पर जिला के बागबानों को लाभ मिलेगा। हिमाचल में कुल 40 मैंगो फ्रूट कलेक्शन सेंटर खुलेंगे। इसमें हिमफैड द्वारा 20 और एचपीएमसी द्वारा भी 20 एमआईएस सेंटर खोले जाएंगे, जिसके लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अब किसानों को इन सेंटर की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। बागबान यहां सीधे तौर पर आकर अपनी आम की फसल बेच सकते हैं। जानकारी के अनुसार इस बार प्रदेश में फलों के राजा आम की बेहतर पैदावार हुई है। उद्यान विभाग द्वारा आम की फसल का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उससे कहीं ज्यादा पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है। जिस तरह आम की फसल दिखाई दे रही है, उस तरह से इस बार विभाग ने भी लक्ष्य से अधिक पैदावार होने की उम्मीद जताई है। जिला बिलासपुर के तहत बागबानों को हिमफैड द्वारा कंदरौर और झंडूता विधानसभा क्षेत्र के गेहड़वीं, भड़ोलियां, घुमारवीं में एमआईएस सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा एचपीएमसी द्वारा नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के जुखाला, सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत निहाल बिलासपुर में सेंटर खोल जाएंगे। इसके अलावा कांगड़ा जिला के तहत देहरा, फतेहपुर इंदौरा, जाह, लंबागांव, नगरोटा बगवां, रेहान में हिमफैड और गगल, कोटला, कंदरौड़ी, नगरोटा सूरियां, शाहपुर में एचपीएमसी के सेंटर खुलेंगे। हमीरपुर जिला के तहत भोरंज, हमीरपुर, सुजानपुर, नादौन में हिमफैड, बिझड़ में एचपीएमसी, सोलन जिला के कुनिहार में हिमफैड, अर्की में एचपीएमसी, ऊना जिला के बंगाणा में एचपीएमसी, ऊना और अंब में हिमफैड, सिरमौर जिला के पावंटा साहिब और साईवाला में हिमफैड और धौलाकुआं, चंबा जिला के थुलेल, मंडी जिला के मंडी में हिमफैड, जड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर, रखोह, चलोतरा, मरही, सज्याओपिपलु में सेंटर खुलेंगे। इसके लिए बाकायदा हिमफैड, एचपीएमसी को भी निर्देश दे दिए गए हैं।

साढ़े आठ रुपए समर्थन मूल्य

हिमफैड, एचपीएमसी द्वारा सेंटर खोलने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अब जिला के बागबान यहां आकर आसानी से अपनी आम की फसल बेच सकते हैं। हिमफैड और एचपीएमसी द्वारा बागबानों को आम की फसल का साढ़े आठ रुपए प्रति किलो के हिसाब से समर्थन मूल्य दिया जाएगा, जो कि नाममात्र है। आम की फसल लगातार दो साल तक नहीं होती है। एक साल विभाग का लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो दूसरे साल नाममात्र पैदावार होती है। इस साल आम के दर्शन भी लोगों को नहीं मिल पाते हैं, जिसके चलते इन बागबानों को आम की फसल का सरकार की ओर से बेहतर समर्थन मूल्य मुहैया करवाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि बागबानों को लाभ मिल सके।

कोरोना काल में मिलेगा सेब का सही रेट

सीएम बोले; बाजारों में नहीं मिलेगी आयातित खेप, मजदूरों की भी करेंगे व्यवस्था

शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन शुरू होने वाला है और कोविड-19 के कारण बागबानों को उनके उत्पादों के विपणन में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पर्याप्त प्रबंध किए है। बागबानों को इस वर्ष सेब के बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बाजारों में आयातित सेब उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने राज्य के सेब उत्पाद बहुल क्षेत्रों के लिए मजदूरों की उपलब्धता का मामला उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के लोग भाग्यशाली हैं, क्योंकि सशक्त नेता नरेंद्र बरागटा उनका नेतृत्व कर रहे हैं। नरेंद्र बरागटा ने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को प्रभावशाली तरीके से सरकार के समक्ष उठाया है। मुख्य सचेतक और जुब्बल-कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा ने मुख्यमंत्री का क्षेत्र की विकासात्मक जरूरतों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक दृष्टिकोण और सेब के सुचारू परिवहन और विपणन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी करने के लिए धन्यवाद किया। क्षेत्र के लगभग 15 हजार लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है और जरूरमंदों को आठ हजार से अधिक खाद्य किट भी वितरित किए हैं। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर और भाजपा मंडल जुब्बल-कोटखाई के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

खरीफ के लिए भी जारी रहेगी फसल बीमा योजना

कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय का ऐलान, 15 तक करवाएं इंश्योरेंस

शिमला – प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस खरीफ मौसम में भी जारी रहेगी। कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि वर्तमान खरीफ मौसम में ऋणी और गैर ऋणी किसानों द्वारा मक्की व धान की फसलों पर बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2020 निर्धारित की गई है। यह योजना गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। योजना के अंतर्गत सभी ऋणी किसानों का वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वतः ही बीमा कर दिया जाएगा। यदि कोई ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहते हैं, तो वे इस बारे में अपना घोषणा पत्र संबंधित बैंक में वर्ष भर कभी भी जमा करवा सकते हैं। यह घोषणा पत्र ऋणी किसान को संबंधित बैंक शाखा को संबंधित मौसम की ऋण लेने की अंतिम तिथियों से कम से कम सात दिन पूर्व तक देना होगा। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना 24 जून, 2020 को जारी की है। श्री मार्कंडेय ने बताया कि प्रतिकूल मौसम से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है तथा आर्थिक हानि होती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, आंधी, ओलावृष्टि, चक्रवात, तुफान, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करना है। इसके अलावा अगर किसान कम वर्षा या प्रतिकृल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर बुआई नहीं कर पाता है, तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा। कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल यदि 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है, तो क्षतिपूर्ति का आकलन खेत स्तर पर ही किया जाएगा। यह योजना लाहुल- स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी जिलों के लिए है। इन जिलों को दो वर्गों में बांटा गया है। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा व ऊना वर्ग-एक में शामिल है तथा वर्ग-दो में बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर शामिल हैं। सभी जिलों में किसानों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड  करेगी। मक्की व धान दोनों फसलों के सामान्य कवरेज पर राशि तीस हजार रुपए प्रति हेक्टेयर है। प्रीमियम की दर किसानों के लिए बीमित राशि के अनुसार दो प्रतिशत रखी गई है।

फसलों का बीमा करवा लें किसान

कृषि मंत्री ने किसानों का आह्वान किया कि फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए फसलों का बीमा करवाएं। इसके लिए वे अपने नजदीक की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं, ग्रामीण बैंकों तथा वाणिज्यिक बैंकों से संपर्क करें। इस बारे में नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व खंड स्तर पर तैनात विषयवाद विशेषज्ञ का भी सहयोग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई फसलों का बीमा किसान करवा लें।