वायरल बुखार से कैसे बचें

वायरल बुखार के लक्षण अन्य आम बुखार की तरह ही होते हैं मगर इसको नजरअंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। बुखार होने की प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खांसी आदि होते हैं। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं और इसी के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है…

वायरल बुखार साधारणतः मौसम के बदलने के समय होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिसके कारण वायरस से शरीर जल्दी संक्रमित हो जाता है। वैसे तो वायरल बुखार के लक्षण अन्य आम बुखार की तरह ही होते हैं मगर इसको नजरअंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। बुखार होने की प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खांसी आदि होते हैं। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं और इसी के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है। जब हमारे शरीर पर कोई बैक्टीरिया या वायरस हमला करता है, तो शरीर खुद ही उसे मारने की कोशिश करता है। इसी मकसद से शरीर जब अपना तापमान सामान्य 98.3 डिग्री फारनहाइट से ज्यादा बढ़ाता है, तो उसे बुखार कहा जाता है हालांकि कई बार बुखार, थकान या मौसम बदलने आदि की वजह से होता है। ऐसे में 100 डिग्री तक बुखार में किसी दवा आदि की जरूरत नहीं होती, लेकिन बुखार इसी रेंज में 4-5 या ज्यादा दिन तक लगातार बना रहे या ज्यादा हो जाए, तो इलाज की जरूरत होती है। कई बार बुखार 104-105 डिग्री फारनहाइट तक भी पहुंच जाता है। इस हालत में तुरंत डाक्टर से सलाह लें। हम आपको  कुछ ऐसे उपाय बता रहें हैं, जो तेज बुखार को कम कर देंगे। आधा कप सिरके को हल्के गुनगुने पानी में डालें फिर इस पानी से नहा लें। वज्रांगी की पत्तियां लें और इसे पानी में उबाल लें, अब इन पत्तियों के नीचे हिस्से को खा लें । एक कप पानी में 4 से 5 तुलसी की पत्तियों को उबाल लें, अब इसे ठंडा कर के दिन में तीन से चार बार पिएं। दूसरे दिन बुखार में आराम मिल जाएगा। पसीना निकालने के लिए और भी कई तरह की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे पुदीना, एल्डरफ्लावर और येरो। कच्चे प्याज का एक टुकड़ा लें, फिर उसे पैर के तलवों में अच्छे से किसी गर्म कपड़े से लपेट दें। एक कटोरी में गुनगुना पानी लें, इसमें थोड़ा सिरका मिला लें। अब इस पानी की पट्टियां बना के सिर पर रखें। इससे तेज बुखार कम होने लगेगा।

आलू के पतले- पतले स्लाइस कर के सिरके में  भिगो दें। अब इन स्लाइस को माथे पर रखें और इसके ऊपर कपड़े की पट्टी रखें। धनिया में फाइटोनूट्रीयंट और विटामिन होता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है। धनिया प्राकृतिक तरीके से वायरल बुखार से लड़ने में मदद करता है। तेज बुखार के लिए  25 किशमिश लें और इसे पानी में अच्छे से पीस लें। अब इस पानी को छान लें। इसमें आधा नींबू का रस मिलाएं और दिन में दो बार पिएं। तुलसी के एंटी बायोटीक और एंटी बैक्टीरियल  गुण वायरल बुखार के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं।  सोआ का काढ़ा शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को तो उन्नत करता ही है साथ ही बुखार को कम करने में भी सहायता करता है।