किराया बढ़ा… अब टैक्स माफ करें, निजी बस ऑपरेटर्ज सीएम व परिवहन मंत्री के समक्ष रखेंगे मांग

शिमला – किराया बढ़ने के बाद अब निजी बस ऑपरेटर्ज ने टैक्स माफ करने की मांग उठाई है। ऑपरेटर्ज की मांग है कि राज्य में जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक निजी बस ऑपरेटर्ज से टैक्स न वसूला जाए। निजी बस ऑपरेटर शुक्रवार को कांगड़ा में मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री के समक्ष यह मांग उठाएंगे। हिमाचल निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान  राजेश पराशर ने कहा कि बसों के कम संचालन की वजह से निजी बस ऑपरेटर आर्थिक तंगहाली की मार झेल रहे हैं।

किराया बढ़ोतरी व फुल सिटिंग कैपेसिटी के साथ बसों के संचाचन को अनुमति मिलने के बाद कई ऑपरेटर्ज ने बसों को रूटों पर उतार दिया था, मगर रूटों पर सवारियां कम होने से ऑपरेटर्ज को रोजाना घाटे का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे वह टैक्स अदा करने में सक्षम नहीं है। राज्य में गुरुवार को भी नाममात्र निजी बसें ही दौड़ीं। बता दें कि राज्य में 3300 में से केवल मात्र 350 बसें ही चल पाई है। रोजाना के घाटे को देखते हुए ऑपरेटर बसों को खड़ी कर रहे है।

पिछले महीने हुई थी किराए में बढ़ोतरी

हिमाचल में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किराए में बढ़ोतरी की गई थी। किराया बढ़ोतरी के बाद निजी बस ऑपरेटर्ज ने बसों का संचालन आरंभ कर दिया था, मगर अब रूटों पर सवारियां कम होने के चलते निजी बसें फिर से खड़ी होने लगी हैं।

हाल ही खड़ी हो गई 200 से 250 बसें

हिमाचल प्रदेश में दो दिनों के दौरान 200 से 250 बसें खड़ी हुई हैं। यूनियन के प्रधान राजेश पराशर ने कहा कि घाटे के चलते अधिकतर बस ऑपरेटर बसें खड़ी कर रहे है। अगर यही आलम रहा है तो राज्य में निजी बसों का संचालन बंद हो सकता है।