किराया बढ़ा, पर बसें चलाना फिर भी मुश्किल, कम सवारियां होने के चलते निजी बस ऑपरेटर्ज ने नियमित सेवाएं देने से खड़े किए हाथ

सुंदरनगर – निजी बस संचालकों की मांग को मानते हुए प्रदेश सरकार ने हाल ही में बस किराए में बढ़ोतरी की थी, लेकिन इसके बावजूद बस ऑपरेटर लोगों को सुविधाएं देने में असमर्थ हैं। उनका कहना है कि गाडि़यों में कम सवारियां होने के चलते बस ऑपरेटर्ज को नियमित रूप से सेवाएं देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब निजी बस ओपरेटर्ज ने टैक्स सहित अन्य भुगतानों में 31 मार्च, 2021 तक राहत देने की गुहार लगाई है। हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ के उपाध्यक्ष विजय ठाकुर, सचिव भारत भूषण कपिला, वीरेंद्र ठाकुर, मनोज, बलवीर परमार, विजु, अश्वनी एंड गोलू ने कहा कि कोविड-19 के चलते प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण लोग इस बीमारी से सहमे हुए हैं। ऐसे में चाहते हुए भी वे  बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल-कालेज धार्मिक स्थल, सिनेमाघर सहित बड़े पैमाने पर समारोह आयोजन पर पाबंदी लगाई गई है। अंतरराज्यीय सीमाएं बंद हैं। लोगों का आवागमन करीब-करीब बंद हैं। ऐसे हालात मेें सवारियों के अभाव के चलते निजी बसों का खर्च पूरा नहीं हो पा रही है। इस कारण निजी बस ऑपरेटर बसें नियमित तौर पर चलाने में असमर्थ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बस ऑपरेटर यह समझ नहीं आ पा रहे हैं कि वे अपने व्यवसाय को कैसे बचा पाएंगे। इसके साथ ही बसों के चालक-परिचालक, बसों को टायर पंक्चर लगाने वाले, मेकेनिक, टायर बेचने वाले, स्पेयर पार्ट, बसों के रंग-रोगन करने वालों व उनके परिवारों सहित कुल पांच लाख लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में यूनियन ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि जब वे बसों का संचालन नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में बसों का स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स जमा करवाने में असमर्थ हैं। उन्होंने

कहा कि सरकार चाहे तो परमिट और आरसी सहित बसें भी अपने कब्जे में ले सकती है। उन्होंने कहा कि 21 मार्च से उनकी बसें खड़ी हैं और बैंक की तरफ से केवल उनकी किस्तों को आगे बढ़ाया गया है, परंतु इस समय का ब्याज माफ नहीं किया गया है। यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ करने की अवधि 31 जुलाई, 2020 को खत्म हो चुकी है, इसे 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया जाए।