मंडियों से उछला लहसुन का भाव

सोलन –सेब व टमाटर के पीक सीजन के बीच लहसुन उत्पादकों के लिए सोमवार का दिन राहत का समाचार लेकर आया। हालांकि, यह समाचार ज्यादा दिन तक राहत नहीं देगा। जानकारी के अनुसार, फल एवं सब्जी मंडी सोलन में इस सीजन में पहली बार लहसुन के थोक भाव 150 रुपए प्रतिकिलो से पार चले गए। यद्यपि भाव सीजन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचते-पहुंचते ही 150 रुपए प्रतिकिलो से पार पहुंचे हैं, लेकिन देर से ही सही, बावजूद इसके किसान तहे दिल से स्वागत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मेघा के कोयमबटूर एवं कर्नाटका की मंडियां दो दिन के लिए खुली थीं। वहां से सोलन मंडी में लहसुन की काफी डिमांड आई थी। इस कारण किसानों को लहसुन का बढि़या भाव मिला, लेकिन चिंता की बात ये हैं दोनों मंडियों में फिर से कोरोना पॉजिटिव आने के बाद फिर से इन्हें बंद कर दिया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी दिनों में एक बार फिर लहसुन के भाव में गिरावट दर्ज की जा सकती है। लहसुन के भाव में आए उछाल का एक अन्य कारण भी माना जा रहा है। आढ़तियों का कहना है कि रक्षाबंधन के दिन सोलन मंडी में लहसुन की आवक काफी कम थी। ऐसे में लाजमी था कि किसानों को इसकी एवज में अच्छे दाम भी मिले। मंडी समिति की ओर से जारी की गई रेट लिस्ट के अनुसार सोमवार को सोलन मंडी में लहसुन का न्यूनतम भाव 40 रुपए प्रतिकिलो और अधिकतम भाव 155 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिका और औसतन भाव 100 रुपए प्रतिकिलो रहा। बता दें कि सीजन के शुरुआत में लहसुन की शुरुआत 60 से 70 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिका था। इसके बाद धीरे-धीरे लहसुन का रेट बढ़ता रहा, लेकिन बीच में करीब एक माह तक रेट 100 से 150 रुपए प्रतिकिलो तक स्थिर रहा। इसके बाद अचानक से अब लहसुन के रेट में उछाल आया है। कोरोना संकट के बीच किसानों को मौजूदा समय में मिल रहा भाव किसी संजीवनी से कम नहीं है। हालांकि इस दफा लहसुन को विदेशों में नहीं भेजा गया, बावजूद इसके लहसुन किसानों को मालामाल कर रहा है।