मुसीबत से लड़ने को तैयार रहना होगा, कार्यकारी समिति की बैठक में बोले मुख्य सचिव

शिमला – हिमाचल में रिक्टर स्केल 4.0 से अधिक तीव्रता वाले अब तक 80  बार भूकंप आ चुके हैं। यह खुलासा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की 14वीं बैठक में हुआ। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव अनिल खाची ने आपदा प्रबंधन के लिए निरंतर निगरानी और तैयारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कोविड-19 का खतरा कम होने के बाद मॉकड्रिल और अभ्यास किए जाने चाहिए तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इसको लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण का संचालन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप, भू-स्खलन, बाढ़, ग्लेशियर खिसकने, सूखा, घरेलू व जंगल में आग, सड़क दुर्घटनाएं, भगदड़ आदि प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदाओं के लिए अधिक उन्मुख है। हालांकि राज्य को सर्वाधिक खतरा भूकंप से है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस तरह की आपदा के दौरान आधारभूत ढांचे और जरूरी सुविधाओं के अलावा सबसे पहले संचार सुविधाओं को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष जनवरी में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के गठन की अधिसूचना की है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि इस बल के गठन होने तक प्रदेश पुलिस की एक कंपनी शिमला, मंडी और धर्मशाला में स्थापित की जाएगी।

पुलिस विभाग ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के लिए पांच करोड़ स्वीकृत किए हैं। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकारण और 39 विभागों को अपनी आपदा प्रबंधन योजना को अपडेट करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों, आईआईटी रूड़की और मंडी के प्रोफेसर के साथ भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक डीसी राणा, एसीएस आरडी धीमान, प्रदान सचिव जेसी शर्मा, सचिव रजनीश, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप, हिम ऊर्जा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर, विशेष सचिव ऊर्जा नीरज शर्मा व अन्य मौजूद रहे।

पुलिस बल को वी-सेट

राजस्व एवं  आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग को दूरदराज क्षेत्रों और पुलिस बल के लिए वी-सेट खरीदने के लिए धनराशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग को 75 स्थलों पर 37 आई-सेट और वी-सेट खरीदने के लिए भी धनराशि प्रदान की गई है।