राजस्व संग्रहण में 14 फीसदी सुधार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वित्त विभाग के अधिकारियों से की मीटिंग

विशेष संवाददाता — शिमला

कांगड़ा प्रवास से लौटने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में वित्त विभाग की ओर से बताया गया कि जुलाई में राजस्व संग्रहण में करीब 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते साल के मुकाबले अभी भी सरकार का राजस्व संग्रहण 36 फीसदी कम है, लेकिन धीरे-धीरे सुधार होने लगा है।

राजस्व संग्रहण कम होने से सरकार को विकास योजनाओं को लेकर नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा प्रवास के दौरान कहा था कि कोरोना काल में प्रदेश को करीब 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। नुकसान की खास वजह राजस्व संग्रहण में कमी मानी जा रही है। लिहाजा जानकारों का कहना है कि सरकार को मितव्ययता उपायों की तरफ तेजी से आगे बढ़ना होगा। कोरोना संकट काल में चुनौतियों का सामना कर रही जयराम सरकार को आर्थिक मोर्चे पर फिलहाल थोड़ी राहत मिलती दिख रही है।

वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले जुलाई माह में राजस्व संग्रहण में इजाफा होने से सरकार ने राहत महसूस की है। राजस्व संग्रहण बढ़ने से वित्त विभाग के अधिकारियों ने भी कुछ राहत की सांस ली है, जिन्होंने सीएम को बताया है कि अब किन-किन वजह से इसमें बढ़ोतरी होने लगी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट काल में अप्रैल से मध्य जून तक आर्थिक गतिविधियां प्रदेश में ठप पड़ी थी। आर्थिक गतिविधियां ठप होने की वजह से प्रदेश सरकार को भारी नुकसान हुआ। माली साल की पहली तिमाही में ही सरकार को करीब 1200 करोड़ के राजस्व का सीधा नुकसान हुआ।

कोरोना ने बदल दिए हालात

बीते वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून तक सरकार के खजाने में 2480 करोड़ की रकम आई थी, मगर इस साल इन तीन महीनों में खजाने में इसके मुकाबले करीब 50 फीसदी राशि ही आई। लिहाजा न सिर्फ सरकार, बल्कि सरकार के वित्तीय माहिर भी परेशानी में थे, लेकिन जून के बाद आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ होने से सरकार के राजस्व संग्रहण में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। पिछले दिनों सरकार ने कर्जा भी लिया था। हालांकि कर्ज लेने का सिलसिला अभी भी जारी रहेगा।