राम रक्षा स्तोत्रम

-गतांक से आगे…

माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः।

सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं जाने नैव जाने न जाने।। 31।।

दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मजा।

पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनंदनम।। 32।।

लोकाभिरामं रनरङ्गधीरं राजीवनेत्र रघुवंशनाथम।

कारुण्यरुपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।। 33।।

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।। 34।।

कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम।

आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम।। 35।।

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम।

लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम।। 36।।

भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम।

तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम।। 37।।

रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे।

रामेणाभिहता निशाचरचमूए रामाय तस्मै नमः।। 38।।

रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोस्म्यहंए।

रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धर।। 39।।

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

सहस्त्र नाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।। 40।।