संस्कृत के लिए अच्छी पहल

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

हिमाचल सरकार ने देश की विरासत संस्कृत को बढ़ावा देने और इसको संजीवनी देने के इरादे से प्राथमिक कक्षाओं से लेकर लगभग दसवीं कक्षा तक इसे अनिवार्य विषय बनाने की प्रशंसनीय और काबिलेतारीफ पहल की है। देश के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई को भी हिमाचल सरकार की इस पहल पर अमल करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को संस्कृत के जरिए भी एक अच्छी राह की ओर अग्रसर किया जा सके।

अगर संस्कृत को स्कूली पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बना दिया जाए तो बच्चे, युवा भारतीय इतिहास व संस्कृति को और अच्छी तरह जान सकते हैं। संस्कृत के श्लोक इनसान के अंदर इनसानियत की भावना भरते हैं। ये बच्चों के मन में नैतिकता के बीज बो देंगे जिस कारण बच्चे पथभ्रष्ट नहीं होंगे।